Pakistan News: इमरान ने फिर भारत की तारीफों के पुल बांधे, अमेरिकी दबाव छोड़कर रूस से दोस्ती का किया जिक्र

Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत की किसी के दबाव में न आने वाली विदेश नीति की खुलकर प्रशंसा की है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-05-08 11:16 IST

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Social media)

Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत की किसी के दबाव में न आने वाली विदेश नीति (India foreign policy) की खुलकर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ ऐसा नहीं है। दूसरी ओर भारत अपने फायदे के हिसाब से अपनी नीतियां तय करता है। उन्होंने इस संबंध में भारत के रूस (Relation with Russia) से सस्ता तेल खरीदने की नीति का उल्लेख भी किया। इमरान ने कहा कि भारत ने अमेरिका(Relation with America) के साथ रणनीतिक समझौता कर रखा है मगर इसके बावजूद वह रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है।

पाकिस्तान का उल्लेख करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के रूस से 30 फीसदी किफायती दर पर तेल खरीदने के बाद अमेरिका पाकिस्तान से नाराज हो गया। उन्होंने अफगानिस्तान का भी उल्लेख किया। इमरान ने कहा कि अमेरिका की अफगान नीति पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई है मगर अपनी नाकामियों के लिए वह पाकिस्तान को दोषी ठहराने में कभी पीछे नहीं रहा।

पाक की स्वतंत्र नीति अमेरिका को पसंद नहीं 

वैसे यह पहला मौका नहीं है जब इमरान ने भारत की विदेश नीति(India foreign policy) की खुलकर तारीफ की है। अपने प्रधानमंत्रित्व काल में भी वे भारत के दुनिया की किसी भी ताकत के दबाव में न आने का उल्लेख कर चुके हैं। शनिवार को पाकिस्तानी प्रवासियों को वर्चुअल ढंग से संबोधित करते हुए इमरान ने एक बार फिर भारत का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान की नीतियों से उसकी तुलना कर डाली। 

अपनी सरकार गिराने के पीछे इमरान पहले ही अमेरिकी साजिश का आरोप लगा चुके हैं।

 शनिवार को उन्होंने एक बार फिर अमेरिका को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान में एक स्वतंत्र सरकार देखना पसंद नहीं है। अपनी सरकार का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी सरकार स्वतंत्र तरीके से काम कर रही थी और यह अमेरिका को रास नहीं आया।

सच्चाई यह है कि मेरी सरकार अमेरिका के खिलाफ नहीं थी मगर अमेरिका लगातार पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचता रहा। उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने अच्छे संबंधों की याद भी दिलाई।

पाकिस्तान को उठाना पड़ा भारी नुकसान 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका ने आतंक के खिलाफ जो युद्ध घोषित कर रखा है,उसका सबसे ज्यादा खामियाजा पाकिस्तान को ही उठाना पड़ा। 9/11 की घटना से पाकिस्तान का कोई लेना-देना नहीं था मगर अमेरिका हमेशा पाकिस्तान को गुनहगार मानता रहा और पाकिस्तान लगातार अमेरिकी दबाव में आता गया। इसी का नतीजा था कि पाकिस्तान से अमेरिका की अपेक्षाएं और मांगों का दबाव लगातार बढ़ता गया।

रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका हुआ नाराज 

इमरान ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान हम चीन और अमेरिका के साथ अच्छा संबंध चाहते थे। चीन हमारा पड़ोसी देश है और मैंने पाकिस्तान के साथ चीन के संबंधों को ठोस बनाने की कोशिश की। फिर रूस की ओर से पाकिस्तान के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाया गया।

रूस के साथ पाकिस्तान के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे और इसके लिए भी अमेरिका ही जिम्मेदार रहा है। शीत युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने हमेशा रूस के खिलाफ अमेरिका का साथ दिया मगर फिर भी रूस की ओर से पाकिस्तान को निमंत्रण मिला। ऐसे में हमने रूस से 30 फ़ीसदी रियायत पर तेल खरीदा तो अमेरिका की त्योरियां चढ़ गईं। 

दूसरी ओर भारत भी रूस से सस्ती दरों पर तेल खरीद रहा है मगर अमेरिका भारत के इस सौदे को लेकर कभी नाराज नहीं हुआ। दरअसल भारत की विदेश नीति किसी के दबाव में काम करने वाली नहीं है और इसी कारण भारत दुनिया की किसी भी ताकत के दबाव में आता हुआ नहीं दिख रहा है। पाकिस्तान कभी भी आजाद विदेश नीति अपनाने की जगह हमेशा पिछलग्गू बना रहा और इस कारण उसे वैश्विक स्तर पर काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

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