पाकिस्तान में छिड़ेगा गृह युद्ध, अगर हो गया ऐसा तो, इमरान ने दुनिया से मांगी ये भीख

आर्थिक संकट की मार झेल रहा पाकिस्तान बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री इमरान खान देश की अर्थव्यवस्था अभी कर्ज के सहारे बचा रहे हैं। अब फिर पाकिस्तान कर्ज लेने जा रहा है।

Update:2020-06-01 13:17 IST

नई दिल्ली: आर्थिक संकट की मार झेल रहा पाकिस्तान बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री इमरान खान देश की अर्थव्यवस्था अभी कर्ज के सहारे बचा रहे हैं। अब फिर पाकिस्तान कर्ज लेने जा रहा है। इमरान खान ने विदेशी कर्जों के भुगतान और विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत बनाने के लिए 15 अरब डॉलर का लोन लेने की तैयारी की है। यह किसी एक साल में पाकिस्तान का सबसे ज्यादा कर्ज का रिकाॅर्ड है।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की इमरान खान सरकार वित्त वर्ष 2020-21 में करीब 15 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज में से करीब 10 अरब डॉलर का इस्तेमाल पुराने मैच्योर हो रहे कर्ज को देने में करेगी। यह पैसा ब्याज भुगतान के अतिरिक्त है। रिपोर्ट के मुताबिक ये राशि पाकिस्तान के बाहरी सार्वजनिक लोन का हिस्सा बन जाएगी, जो कि इस साल के मार्च तक बढ़कर 86 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई है।

कोरोना से निपटने के लिए पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से आर्थिक मदद से कर्ज की मांग की थी जिसके बाद हाल में IMF ने पाकिस्तान को 1.39 अरब डॉलर कर्ज दिया है जो पाकिस्तान को मिल गई है। पाकिस्तान को 15 अरब डॉलर कर्ज की जरूरत है जो उसके सामने खड़ी मुसीबत को दिखाता है। पाकिस्तान को द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कर्जदाताओं, वाणिज्यिक बैंक, यूरोबांड जारीकर्ताओं और आईएमएफ से कुल मिलाकर 15 अरब डॉलर कर्ज मिलने की संभवाना है। तीन साल में पाकिस्तान 40 अरब डाॅलर की कर्ज ले चुका है।

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अर्थव्यवस्था डूबने का संकट

अगर पाकिस्तान को यह कर्ज नहीं मिलता है, तो उसकी अर्थव्यवस्था डूबने का संकट गहरा जाएगा। पाकिस्तान में लोगों पर महंगाई की भारी मार पड़ेगी। वहां खाने पीने की चीजों को किल्लत हो सकती है। अगर लोगों को भूखमरी का सामना करना पड़ा तो वह सड़क पर आ जाएंगा जिसके कारण इमरान खान की सरकार के लिए संकट खड़ा हो जाएगा। हो सकता है कि पाकिस्तान में गृह युद्ध छिड़ जाए। लेकिन इसकी संभवाना कम है, क्योंकि पाकिस्तान की क्रूर सेना आंदोलनकारियों को कुचल देती है। बिना सेना की मर्जी के पाकिस्तान में आंदोलन करना मुश्किल है।

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आतंकियों को पालने वाली पाकिस्तानी सेना को अगर सरकार को सत्ता से बाहर करना है तो वह आंदोलन को बढ़ावा देती है जिसके जरिए तख्ता पलट करती है। पाकिस्तान की सेना आंदोलनकारी बलूचों के खिलाफ इसी तरह रवैया अपना रही है। पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान की मांग कर रहे बलूचों की हत्या कर रही है ऐसा आदोलनकारियों का आरोप है। पाकिस्तानी सेना पीओके में भी लोगों के आंदोलन दबाने के लिए उनको प्रताड़ति करती है और मारती पीटती है।

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सलाहुद्दीन पर हमले से आतंकी नाराज

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के प्रिय आतंकी और हिजबुल मुजाहीद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने हमला कराया है। पाकिस्तान कश्मीर में आतंकियों की साजिश नाकाम होने से बौखलाया है। हो सकता है कि आंतकी सलाहुद्दीन पर हमले से नाराज होते हैं, तो पाकिस्तान में वहां की सेना के न चाहते हुए भी गृह युद्ध छिड़ सकता है।

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