इमरान सरकार गिरेगी: ब्लास्ट के बीच विपक्ष की बड़ी रैली, विरोध हुआ और तेज

पाकिस्तान में विपक्षी दलों की रैली को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने वीडियो लिंक के जरिए लंदन से संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान शरीफ ने खुलासा किया कि 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध के पीछे पूरी सेना नहीं थी।

Update: 2020-10-26 03:25 GMT

अंशुमान तिवारी

इस्लामाबाद। विपक्षी दलों के तेज होते विरोध के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। देश के मुख्य विपक्षी दलों ने रविवार को सुरक्षा खतरों के बावजूद इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपने राष्ट्रीय अभियान के तहत क्वेटा में तीसरी बड़ी रैली की।

अशांत माने जाने वाले दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी में हुई इस रैली में इमरान खान गद्दी छोड़ो के नारों की गूंज सुनाई पड़ी। सुरक्षा एजेंसियों ने रैली को लेकर आतंकी हमले की चेतावनी दी थी मगर इसके बावजूद रैली में हजारों की भीड़ इकट्ठा हुई। रैली स्थल से कुछ ही किलोमीटर दूर एक जबर्दस्त विस्फोट भी हुआ जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई जबकि सात अन्य लोग घायल हो गए।

कुछ जनरलों ने देश को युद्ध में झोंका

विपक्षी दलों की इस रैली को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी वीडियो लिंक के जरिए लंदन से संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान शरीफ ने खुलासा किया कि 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध के पीछे पूरी सेना नहीं थी।

उन्होंने कहा कि सेना के कुछ जनरलों का इस युद्ध में हाथ था। उन्होंने कहा कि इन जनरलों ने पूरी सेना को युद्ध में झोंक दिया और देश और समाज को ऐसी जगह लाकर खड़ा कर दिया जिसमें कुछ भी हासिल नहीं होना था।

सैनिकों के पास हथियार तक नहीं थे

पूर्व प्रधानमंत्री ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए यहां तक कहा कि युद्ध में झोंक दिए गए सैनिकों के पास हथियार तक नहीं थे। ऊंची चोटियों पर युद्ध में फंसे सैनिकों के पास खाने-पीने तक का सामान नहीं था। उन्होंने कहा कि इन सैनिकों ने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया मगर यह भी सोचना होगा कि देश और समाज को इससे क्या मिला।

नवाज ने बाजवा पर साधा निशाना

नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और आईएसआई के महानिदेशक फैज हमीद पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान की दुर्दशा के लिए ये दोनों ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों अफसर पाकिस्तान में हिंसा की गतिविधियों को बढ़ाने में लगे हुए हैं, लेकिन अब यह बात साफ हो गई है कि पाकिस्तान में जनता की आवाज को कोई नहीं दबा सकता।

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उन्होंने कहा कि गुजरांवाला और कराची के बाद क्वेटा की इस बड़ी रैली ने इस बात को साबित कर दिया है कि इमरान सरकार ज्यादा दिनों तक टिकने वाली नहीं है।

पाक के नसीब को बदलने का समय

शरीफ की बेटी और पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान और बलूचिस्तान के नसीब को बदलने का समय आ चुका है। देश की आवाम अब सड़कों पर निकल चुकी है और इमरान खान की सत्ता अब किसी भी सूरत में टिकने वाली नहीं है।

मीडिया और न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी वीडियो लिंक के जरिए रैली में शिरकत की। उन्होंने कहा कि सबको यह बात सोच नहीं होगी कि यह कैसा लोकतंत्र है जिसमें न मीडिया स्वतंत्र है और न न्यायपालिका।

रैली को पीडीएम के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान व गठबंधन के अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। सभी नेताओं ने लोगों से इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए आगे आने का आह्वान किया।

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रैली स्थल के पास धमाके में तीन मरे

पहले सुरक्षा एजेंसियों की ओर से आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया गया था मगर इस अलर्ट के बावजूद रैली में हजारों की भीड़ जुटी।

रैली स्थल से करीब 35 किलोमीटर दूर क्वेटा के हाजरगांजी इलाके में एक शक्तिशाली बम विस्फोट भी हुआ जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई जबकि सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस का कहना है कि एक मोटरसाइकिल में आईईडी के जरिए यह धमाका किया गया।

इमरान के खिलाफ विपक्ष की मोर्चेबंदी

पाकिस्तान में इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए 11 विपक्षी दलों ने 20 सितंबर को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नामक गठबंधन बनाया था। इससे पहले गठबंधन की ओर से गुजरांवाला और कराची में दो बड़ी रैलियां की जा चुकी हैं।

इन रैलियों में भी काफी बड़ा हुजूम जुटा था और इमरान खान को नाकाबिल बताते हुए उन्हें सत्ता से हटाने का आह्वान किया गया था। विपक्षी दलों के इस गठबंधन के कारण पाकिस्तान में इमरान खान की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही है।

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