पाकिस्तान में गृह युद्ध कराएगा दोस्त चीन, विदेश विभाग ने PM इमरान को दी ये चेतवानी
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान चीन का समर्थन कर रहा है। अब इसे लेकर पाकिस्तानी विदेश विभाग और प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच ठन गई है।
इस्लामाबाद: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान चीन का समर्थन कर रहा है। अब इसे लेकर पाकिस्तानी विदेश विभाग और प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच ठन गई है। चीन के समर्थन पर पाकिस्तानी विदेश विभाग ने इमरान खान को चेतावनी दी है।
विदेश विभाग ने चेतावनी देते हुए साफ-साफ कहा है कि अगर पाकिस्तान ने चीन का समर्थन करना नहीं छोड़ा तो वह वैश्विक स्तर पर अलग-घलत पड़ पड़ जाएगा। कुछ दिनों पहले पाकिस्तान ने चीन के कहने पर लद्दाख से लगी सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है।
पाक को होगा भारी नुकसान
विदेश विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत से तनाव और कोरोना संकट की वजह से चीन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। ऐसे में अगर पाकिस्तान चीन के साथ अपनी नीतियों की समीक्षा नहीं करता है तो उसे विश्व की आर्थिक महाशक्तियों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। ये महाशक्तियां भारत के साथ टकराव के बाद चीन को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने के लिए काम कर रही हैं।
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यूरोपीय यूनियन ने दिया झटका
चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ अमेरिका समेत यूरोप के कई देश खुले तौर पर ड्रैगन के खिलाफ हो गए हैं। चीन का आंख मूंदकर समर्थन कर रहे पाकिस्तान को पहला झटका यूरोपीय यूनियन ने दिया है।
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यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन ने पाकिस्तानी एयरलाइंस के विमानों के उड़ान भरने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। पाकिस्तान ने यूरोपीय देशों के खूब समझाने की कोशिश की कि उसके पास योग्य पायलट हैं, लेकिन इन देशों ने इजाजत देने से साफ इंकार कर दिया है।
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पाकिस्तान में भी चीन के खिलाफ जमकर विरोध
चीन के खिलाफ पूरी दुनिया में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान में भी जमकर विद्रोह हो रहा है। यहां के नागरिकों ने आरोप लगाया है कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में स्थानीय नागरिकों को कोई हिस्सा नहीं दी है। इसके बावजूद यहां से रिसोर्स का जमकर दोहन हो रहा है। इस परियोजना में काम करने के लिए चीन से श्रमिक बुलाए जा रहे हैं। चीन यहां की परंपराओं की भी सम्मान नहीं करता है।
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