Pakistan Supreme Court: पाकिस्तान को मिलेगी पहली महिला मुख्य न्यायाधीश
Pakistan Supreme Court: आयशा मलिक होंगी पाकिस्तान की पहली महिला मुख्य न्यायधीश, 2031 तक रहेगा कार्यकाल।
Pakistan Supreme Court: पाकिस्तान में ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब एक सर्वोच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश एक महिला होगी। आएशा ए. मलिक ऐसा इतिहास बनाने जा रहीं हैं। वे अभी लाहौर हाई कोर्ट की जज हैं और वरीयता सूची में चौथे नम्बर पर आती हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट में कुल 17 न्यायाधीश होते हैं। जिनमे से एक जज मुशीर आलम का कार्यकाल 17 अगस्त को समाप्त होने जा रहा है। उनकी सिफारिश पर ही उनके स्थान पर आएशा मलिक को जगह देने की बात की जा रही है। यह फैसला 9 अगस्त को न्यायिक आयोग की बैठक के दौरान हुआ जिसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुलजार अहमद ने की।
कौन है आयशा मलिक ?
आयशा ने शुरूआती शिक्षा पेरिस और न्यूयॉर्क के स्कूलों से पूरी की और लंदन के फ्रांसिस हॉलैंड स्कूल फॉर गर्ल्स से ए-लेवल किया। मलिक ने लाहौर में पाकिस्तान कॉलेज ऑफ लॉ में कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने लंदन के प्रतिष्ठित हार्वर्ड लॉ स्कूल से मास्टर डिग्री हासिल की। जस्टिस आयशा मलिक ने 1997 से 2001 तक कराची में फखुरुद्दीन जी इब्राहिम की लीगल कंपनी में सहायता करके अपना कानूनी करियर शुरू किया। मार्च 2012 में आयशा मलिक लाहौर उच्च न्यायालय में न्यायधीश बनीं। साल 2019 में जस्टिस आयशा मलिक लाहौर में महिला जजों की सुरक्षा के लिए समिति की अध्यक्ष बनीं। दरअसल, इस पैनल का गठन उसी साल जिला अदालतों में वकीलों द्वारा महिला जजों के प्रति गुंडागर्दी के खिलाफ किया गया था। आयशा ने अपने कई फैसलों से महिलाओं को सशक्त बनाने का भी कार्य किया है। इसी साल जनवरी में जस्टिस मलिक ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें उन्होंने यौन उत्पीड़न की पीड़िताओं पर टू-फिंगर और हाइमन टेस्ट को अवैध और पाकिस्तान के संविधान के खिलाफ घोषित किया। मलिक के नेतृत्व वाली एकल पीठ ने पिछले साल मार्च और जून में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज सांसद के साथ अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा दायर याचिकाओं के एक सेट में फैसले की सुनवाई की थी। इसके अलावा, वह महिलाओं के लिए समानता और न्याय के माध्यम से महिला सशक्तिकरण की पहल, द इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ विमेन जज (IAWJ) की भी सदस्य हैं।
आयशा मालिक मुख्य न्यायाधीश के रुप मे 2031 तक सेवा देंगी।
इसके पहले 2018 में पाकिस्तान ने एक और रिकॉर्ड बनाया था । जब पहली बार किसी महिला को हाई कोर्ट का जज बनाया गया। ताहिरा सफदार को 2018 में बलूचिस्तान हाई कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया। इसके 4 महीने बाद जनवरी 2019 में एक और एतिहासिक कदम पाकिस्तान में लिया गया । जब किसी हिन्दू अल्पसंख्यक समुदाय से किसी महिला को जज चुना गया। सुमन कुमारी हिन्दू समुदाय से 2019 में कोर्ट की जज बनी। जबकि भारत मे फातिमा बीबी पहली महिला थीं जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनी थी। उनका कार्यकाल 1992 में समाप्त हो गया था। इसके बाद से अभी तक भारत में कुल 8 महिलाओं को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाया जा चुका है। अभी भी सर्वोच्च न्यायालय में इंदिरा बेनर्जी न्यायाधीश हैं। इसके अलावा 2018 में इंदिरा बेनर्जी के शपथ लेने के साथ ही ऐसा पहली बार हुआ जब तीन महिलाएं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बेंच में शामिल थीं।