पनामा पेपर : पड़ोसी 'शरीफ' के बेटे से जेआईटी की पूछताछ, जब बेटा ऐसा तो बाप....
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ के बेटे हुसैन नवाज परिवार की संपत्तियों से जुड़े पनामा पेपर्स मामले में संयुक्त जांच दल के समक्ष प्रस्तुत हुए। फेडरल जांच एजेंसी के अतिरिक्त महानिदेशक वाजिद जिया की अगुवाई में जेआईटी ने संघीय न्यायिक अकादमी में हुसैन नवाज से रविवार को करीब ढाई घंटे पूछताछ की।
ये भी देखें : हाई अलर्ट पर पंजाब: पठानकोट में सेना की वर्दी से भरा मिला बैग, सर्च ऑपरेशन जारी
हालांकि, हुसैन ने जेआईटी के छह सदस्यों में से दो के खिलाफ आपत्ति जताई, जिसे सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया जाएगा। हुसैन ने मीडिया से कहा कि अदालत ने निरोधक आदेश नहीं जारी किया था, फिर भी उन्होंने दल के निर्देशों का पालन किया और व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने को प्राथमिकता दी।
उन्होंने कहा, "मुझे बीते शनिवार को जेआईटी से एक नोटिस प्राप्त हुआ था और उसमें 28 मई को उपस्थित होने को कहा गया था।"
जेआईटी का गठन बीते महीने पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत द्वारा पनामा लीक्स के फैसले के क्रियान्वयन के लिए किया गया था। फैसले में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने 3-2 के फैसले में प्रधानमंत्री के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं व धन शोधन के आरोपों को लेकर एक नई जांच के आदेश दिए थे।
प्रधानमंत्री के बेटे हुसैन इससे पहले कहा था कि वह जेआईटी के समक्ष अपने वकील की मौजूदगी में पेश होना चाहते थे। हालांकि, डॉन न्यूज को सूत्रों ने बताया कि जेआईटी ने हुसैन नवाज को पूछताछ के दौरान वकील की सहायता लेने की अनुमति नहीं दी और इसके लिए उन्हें पहले सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति लेने की बात कही गई।
बीते साल के पनामा पेपर लीक्स में आरोप लगाया गया था कि लंदन में मरियम और उनके भाई के संयुक्त स्वामित्व वाली संपत्तियों में मरियम लाभार्थी स्वामी है