अमेरिका पर बड़ी भविष्वाणी: इस बार राष्ट्रपति कौन, नाम आ गया सामने
अमेरिका में एलन लिचमैन की भविष्यवाणी को खासा महत्व दिया जाता है। इसका ठोस कारण भी है। इतिहास के प्रोफेसर लिचमैन को उन चुनिंदा विशेषज्ञ में गिना जाता है जिनकी अमेरिकी चुनावों को लेकर 35 साल से कोई भी भविष्यवाणी गलत नहीं साबित हुई।
वाशिंगटन: मौजूदा समय में पूरी दुनिया की नजर अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हुई है। हर कोई यह जानना चाहता है कि मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन में से कौन चुनाव जीतने जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर किए गए सर्वे में बिडेन ट्रंप पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। ऐसे में हर किसी की नजर एक ऐसे शख्स की भविष्यवाणी पर टिकी हुई है जो 35 साल से लगातार अमेरिकी चुनाव की सटीक भविष्यवाणी करते रहे हैं।
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35 साल से कर रहे सटीक भविष्यवाणी
अमेरिका में एलन लिचमैन की भविष्यवाणी को खासा महत्व दिया जाता है। इसका ठोस कारण भी है। इतिहास के प्रोफेसर लिचमैन को उन चुनिंदा विशेषज्ञ में गिना जाता है जिनकी अमेरिकी चुनावों को लेकर 35 साल से कोई भी भविष्यवाणी गलत नहीं साबित हुई।
दरअसल लिचमैन ने चुनावी भविष्यवाणी के लिए एक सिस्टम विकसित कर रखा है जिसे द कीज टू द व्हाइट हाउस नाम से जाना जाता है। कुछ लोग इसे 13 कीज मॉडल के नाम से भी पुकारते हैं।
इस मॉडल के आधार पर करते हैं भविष्यवाणी
दरअसल एलन लिचमैन ने चुनावों के लिए 13 सवालों या मुद्दों का एक मॉडल तैयार किया है। इन सवालों का वह सही या गलत के आधार पर जवाब देते हैं और फिर उसी आधार पर अमेरिका के अगले राष्ट्रपति की भविष्यवाणी करते हैं।
इस मॉडल से नतीजे निकालने का तरीका यह है कि अगर अधिकांश सवालों के जवाब सही में आते हैं तो मौजूदा राष्ट्रपति ही चुना जाता है मगर जवाब अगर नहीं में आए तो अमेरिका को नया राष्ट्रपति मिलता है।
ट्रंप इस बार नहीं जीत पाएंगे चुनाव
अपने मॉडल के आधार पर लिचमैन ने मौजूदा राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी अपनी भविष्यवाणी कर दी है। उनका कहना है कि इस बार उन्हें अपने 13 कीज मॉडल में से छह के जवाब हां में मिले हैं जबकि 7 सवालों के जवाब नहीं में मिले हैं।
इस मॉडल के आधार पर उन्होंने भविष्यवाणी की है कि डोनाल्ड ट्रंप इस बार राष्ट्रपति का चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हो पाएंगे। बिडेन बाजी मारने में कामयाब होंगे।
उन्होंने भविष्यवाणी की है कि 1992 के बाद ट्रंप ऐसे पहले राष्ट्रपति होंगे जिन्हें हार का मुंह देखना पड़ेगा। 1992 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बिल क्लिंटन ने तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश को चुनाव हरा दिया था।
सर्वे भी कर रहे यही इशारा
लिचमैन की भविष्यवाणी में इसलिए दम माना जा रहा है क्योंकि वे 1984 से अमेरिकी चुनाव को लेकर सटीक भविष्यवाणी करते रहे हैं। उनकी कोई भी भविष्यवाणी गलत साबित नहीं हुई। लिचमैन की यह भविष्यवाणी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर किए गए विभिन्न सर्वे के मुताबिक ही है। अमेरिका में किए गए कई सर्वे में बिडेन ने मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप पर बढ़त बना ली है।
कोरोना के कहर का दिख रहा असर
अमेरिका में कोरोना का सर्वाधिक कहर भी ट्रंप के लिए भारी पड़ता दिख रहा है। कोरोना से निपटने के मामले में ट्रंप पर लगातार लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं और बिडेन भी इसे लेकर ट्रंप पर लगातार हमला बोलते रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप खुद भी कोरोना संक्रमित हो गए थे और इस कारण उन्हें सैन्य अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ा था। हालांकि वे जल्द ही कोरोना से उबर कर व्हाइट हाउस पहुंच गए मगर इस दौरान उनके मास्क उतार देने से खासा विवाद भी पैदा हुआ था।
दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट रद्द
राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों के बीच 15 अक्टूबर को होने वाली दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट को रद्द किया जा चुका है। कमीशन ऑन प्रेसिडेंशियल डिबेट ने दूसरे दौर की प्रेसिडेंशियल बहस को वर्चुअल तरीके से कराने का फैसला किया था मगर ट्रंप ने साफ कर दिया था कि वह इस तरीके की डिबेट में अपना समय बर्बाद नहीं करेंगे।
दूसरी ओर बिडेन का कहना था कि डिबेट से पहले ट्रंप को अपने कोरोना निगेटिव होने की रिपोर्ट पेश करनी चाहिए। आखिरकार इसे लेकर विवाद पैदा होने के बाद इस डिबेट को रद्द कर दिया गया है।
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रैलियों में ट्रंप का बिडेन पर हमला
कोरोना से उबरने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। अपनी रैलियों में वे लगातार अपने प्रतिद्वंद्वी बिडेन पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत का दावा करते हुए बिडेन पर तंज भी कसा।
ट्रंप ने दावा किया है कि वह पहले से खुद को ज्यादा ताकतवर महसूस कर रहे हैं और लोगों का समर्थन पाने में कामयाब होंगे। हालांकि कुछ जानकारों का कहना है कि ट्रंप की रैलियां अमेरिका में कोरोना के संक्रमण का बड़ा खतरा बन सकती हैं।
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