हांगझोऊ (चीन): G-20 समिट में सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा की मुलाकात होगी। दोनों नेताओं की ये आठवीं मुलाकात है। समिट में रविवार को फैमिली फोटो लेने के दौरान दोनों नेता नजर आए थे। ओबामा ने भारत में जीएसटी बिल पास किए जाने पर मोदी की तारीफ की थी।
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न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की एंट्री कराने के लिए ऑस्ट्रेलिया के बाद अब जापान भी समर्थन में है। मोदी ने कहा कि करप्शन और ब्लैक मनी जैसे मुद्दों पर जीरो टॉलरेंस होना जरूरी है।
पीएम मोदी ने क्या कहा
-पीएम मोदी ने कहा कि सबसे जरूरी है कि सरकारों की तरफ से भृष्टाचार, ब्लैक मनी, टैक्स चाेरी पर नकेल कसी जाए।
-इसी से प्रभावी फाइनेंशियल गवर्नेंस की तरफ बढ़ा जा सकता है।
-जी-20 देशों को संधियों और पॉलिसीज की कमियों को दूर करने के लिए जीरो टॉलरेंस पर काम करना होगा।
-चीन ने भारत की इकोनॉमी खासकर एनर्जी के क्षेत्र में सरकार के कामों को लेकर मोदी की प्रशंसा की।
रविवार को मोदी ने क्या कहा था
पीएम मोदी ने कहा कि वित्तीय प्रणाली में सुधार के लक्ष्य के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एजेंडा को हमें साझा रूप से इस तरह से आकार देना चाहिए जिससे विकासशील राष्ट्रों को अपने उद्देश्यों को हासिल करने में मदद मिल सके।
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अहम मुद्दों पर की शी जिनपिंग से बात
इससे पहले चीन की यात्रा पर हांगझोउ पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। बैठक के दौरान पीएम ने कहा कि हम बिशकेक (किर्गिस्तान) में चीनी दूतावास पर हुए धमाके की कड़ी निंदा करते हैं। इस दौरान दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई जिसमें पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में ‘चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर’ भी शामिल था। इसके अलावा भारत ने एक बार फिर चीन को न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप्स (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का मुद्दा उठाया।
मोदी ने रखा ग्रोथ का एजेंडा
पीएम मोदी ने कहा कि जी-20 के सदस्य देश अर्थव्यवस्था के विकास के लिए जो कदम उठा सकते हैं उनमें डिजिटल तकनीक तक आसान पहुंच, डिजिटल गैप को खत्म करना, स्किल डिवेलपमेंट को बढ़ावा देना, नई तकनीकी के विकास की बाधाएं खत्म करना आदि मुद्दे हैं। पीएम मोदी ने पूंजी के प्रवाह को भी सरल बनाने की वकालत की।
ओबामा की जमकर तारीफ
इस दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की तारीफ करते हुए कहा, कि उन्होंने बीते सात सालों में ‘ग्लोबल पार्टनरशिप’ बनाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। मोदी ने कहा कि बराक ओबामा लगातार दुनिया के ताकतवर देशों की ओर से कलेक्टिव ऐक्शन लिए जाने के पक्षधर हैं।