तबाह होगी पृथ्वी: क्या कुछ सालों में खत्म हो जाएगा सब कुछ, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
Research of Earth: हाल ही में हुए एक रिसर्च में पाया गया है कि हमारे पृथ्वी का आंतरिक सतह बहुत ही तेजी से ठंडा पड़ता जा रहा है। जिसके कारण आने वाले कुछ वर्षों में मंगल और बुध की तरह पृथ्वी के भी निष्क्रिय होने की आशंका जताई जा रही।
Research of Earth: हॉलीवुड फिल्मों को देखने के बाद अक्सर हमारे जहन में एक सवाल उठता है। क्या सच मे किसी दिन कोई ऐसा आपदा आएगा या कुछ ऐसा होगा कि हमारा पृथ्वी भी हो जाएगा? इसके अलावा प्रदूषण या प्रकृति के साथ मानव सभ्यता द्वारा की जा रही छेड़छाड़ से भी हमें हमेशा डर लगा रहता है कि शायद एक दिन धरती पर जीवन खत्म हो जाएगा।
पृथ्वी से जीवन खत्म होने की बात इस वजह से और इन दिनों हमें डराने लगी है क्योंकि हाल ही में हुए एक अध्ययन में डराने वाला तथ्य सामने आया है। इस अध्ययन में सामने आया कि पृथ्वी का आंतरिक भाग बहुत ही तीव्र तरीके से दिन पर दिन ठंडा होता जा रहा है। जिसके बाद यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले कुछ सालों बाद बुध (Mercury) और मंगल (Mars) ग्रह की तरह पृथ्वी (Earth) भी निष्क्रिय ग्रह हो जाएगी।
बता दें धरती के तापमान का अध्ययन करने के लिए इन दिनों कई बड़े वैज्ञानिक पृथ्वी के कोर (Core) और मेटल (Mantle) की उष्मीय चालकता पर एक अध्ययन कर रहे हैं। इस अध्ययन से पृथ्वी के आंतरिक भाग में दबाव और तापमान की स्थिति का आकलन किया जा रहा हैं। जिससे वह यह अनुमान लगाया जा सके की आखिर हमारी पृथ्वी का तापमान तेजी से ठंडा क्यों पड़ रहा है। अगर इसी रफ्तार से पृथ्वी के तापमान में गिरावट होती रही तो 1 दिन पृथ्वी पूरी तरह से ठंडी पड़ जाएगी। जिसके बाद पृथ्वी से गुरुत्वाकर्षण और चुंबकीय क्षेत्र जैसे चीजें खत्म हो जाएंगी।
'अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंस लेटर्स जनरल' (Earth and planetary science letters general) में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक लगभग 4 साल पहले पृथ्वी का तापमान बहुत अधिक हुआ करता था पूरी पृथ्वी मैग्मा के बड़े-बड़े महासागरों से ढकी रहती थी लेकिन इतने सालों के बीतने के बाद मैग्मा धीरे-धीरे ठंडा पड़ गया जिसके बाद मैग्मा का पूरा पर एक ठंडे सतह के रूप में तब्दील हो गया।
पृथ्वी की सतह का तेजी से ठंडा होने का कारण सबसे ज्यादा पृथ्वी के ब्रिजमेनाट से बनी खनिजों में छिपा उसका तापीय चालकता है। पृथ्वी के कोर और मेंटल परसों के बीच तापमान का स्थानांतरण बहुत तेजी से हो रहा है। अनुमान लगाया जा रहा कि इसी कारण से इन क्षेत्रों में ऊष्मा बहुत तेजी से प्रवाहित हो रही है। लेकिन वैज्ञानिकों के पास अभी तक इसका कोई आंकड़ा नहीं है कि पृथ्वी का खनिज कोर से मेंटल तक कितनी ऊष्मा का संचालन करता है। इतना अनुमान जरूर लगाया जा रहा है कि अगर यह प्रक्रिया धीरे नहीं हुआ तो आने वाले कुछ सालों में हमारी पृथ्वी पूरी तरह से ठंडी पड़ जाएगी जिसके बाद यहां पर जीवन का होना लगभग असंभव हो जाएगा।