बीजिंग : चीनी मीडिया ने सोमवार को कहा कि चीन डोकलाम में सड़क निर्माण कार्य जारी रखेगा और इस मुद्दे पर भारत की कठोर प्रतिक्रिया 'असमान्य' है। भारतीय मीडिया की रिपोर्टों में पिछले सप्ताह कहा गया था कि चीन डोकलाम में अपने मौजूदा सड़क को 10 किलोमीटर चौड़ा कर रहा है। यहीं पर भारतीय और चीनी सेना 73 दिनों तक आमने-सामने आ गई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने हालांकि बाद में कहा था कि यहां यथापूर्व स्थिति बनी हुई है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे संपादकीय के अनुसार भारतीय मीडिया की रिपोर्ट संदिग्ध है क्योंकि यह निर्माण कार्य के लिए सही समय नहीं है।
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संपादकीय के अनुसार, "डोकलाम चीन का हिस्सा है और डोकलाम विवाद के समय, बीजिंग का क्षेत्र में आधारभूत संरचना का विकास और सड़क निर्माण का कार्य वहां एक दीर्घकालिन प्रक्रिया (ट्रेंड) है।"
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भारत और चीनी सेना सिक्किम क्षेत्र की सीमा के पास डोकलाम में सड़क निर्माण कार्य की वजह से आमने-सामने आ गई थी। भारतीय सेना ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए यहां सड़क निर्माण बंद करवा दिया था और भूटान ने क्षेत्र पर दावा किया था।
दोनों देशों के अपनी सेनाओं को पीछे करने के फैसले के बाद 28 अगस्त को यह मामला सुलझ गया था।
क्षेत्र में हाल के दिनों में सड़क निर्माण का कार्य चिंता का विषय है।
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अखबार के मुताबिक, "डोकलाम क्षेत्र में चीन का आधारभूत निर्माण तार्किक है और इस निर्माण पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया असामान्य है।"
अखबार ने कहा कि भारतीय समाज संवेदनशील व घमंडी है और भारतीय मीडिया राष्ट्रवाद को बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रही है।
भारतीय सेना ने डोकलाम के डोका ला में चीनी सड़क निर्माण कार्य को रोका था क्योंकि यह क्षेत्र सिलीगुड़ी गलियारे के काफी नजदीक था जो भारत के पूर्वोत्तर भाग को शेष भारत से जोड़ता है।
बीजिंग और अखबार ने भारत की चिंताओं को कमजोर और फर्जी करार दिया था।
संपादकीय के अनुसार, जिस तरह भारत सिलीगुड़ी गलियारे को लेकर चिंतित है, चीन भी हिंद महासागर और मलक्का जलडमरुमध्य (स्ट्रेट) को लेकर चिंतित है लेकिन बीजिंग ने अपने लक्ष्य को पाने के लिए कोई प्रतिरोधी कदम नहीं उठाए।