इंसानों की जगह ले रहीं मशीनें, दुनिया की आधी आबादी हो सकती है बेरोजगार
वारदी की माने तो अगले 25 साल में सड़कों पर सिर्फ आॅटोमेटेड ड्राइविंग गाड़ियां दौड़ेंगी। उन्होंने कहा कि आपकी हर जरूरत के लिए जब मशीन ही होंगी तो इंसान का क्या काम रह जाएगा।
21वीं सदी में मशीनों का बोलबाला हो गया है। इंसानों से ज्यादा तेज और जल्दी काम करने में ये सक्षम हैं। अगर यही हाल रहा तो आने वाले तीन दसकों में इन मशीनों के चलते दुनिया की आधी आबादी बेरोजगार हो जाएगी। एक कंप्यूटर साइंटिस्ट ने ये बातें कहीं। उसने कहा कि आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस की दिशा में विज्ञान बड़ी तेजी से काम कर रहा है।
विशेषज्ञ ने दी चेतावनी
-गार्जियन में छपी एक खबर के मुताबिक विशेषज्ञ मोशे वारदी ने ये बाते कहीं।
-जब मशीनें इंसानों के हर काम के लिए तैयार होंगी तो इंसानों के पास काम नहीं होगा।
पहले भी चेता चुके हैं विशेषज्ञ
-भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग और तकनीक की दुनिया के अरबपति बिल गेट्स भी इस पर चिंता जता चुके हैं।
-हाकिंग ने कहा था कि आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस की खोज से दुनिया में इंसान का महत्व नहीं रहेगा।
चीन में हो चुकी है शुरुआत
-चीन तकनीक के मामले में हमेशा से आगे रहा है।
-फॉक्सकॉन और सैमसंग उन कंपनियों में से है जो इंसानों की जगह रोबोट को तैनात कर रहे हैं। इस कारण हजारों कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी है।
अब सड़कों पर रोबोट चलाएंगे गाड़ियां
-वारदी की माने तो अगले 25 साल में सड़कों पर सिर्फ आॅटोमेटेड ड्राइविंग गाड़ियां दौड़ेंगी।
-उन्होंने कहा कि आपकी हर जरूरत के लिए जब मशीन ही होंगी तो इंसान का क्या काम रह जाएगा।