Russia: रूस के एटमी बॉम्बर्स की अफवाह, फिलहाल कोई संकट नहीं

Russia: यूक्रेन की सीमा की ओर रूस द्वारा मिसाइलों, मिसाइल लांचर और वॉरहेड को एक "परमाणु ट्रेन" के जरिये भेजा जा रहा है और रूस ने न्यूक्लियर बॉम्बर्स तैनात कर दिए हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2022-10-15 06:38 GMT

रूस के एटमी बॉम्बर्स की अफवाह, फिलहाल कोई संकट नहीं: Photo- Social Media

Lucknow: रूस और पश्चिम के बीच हालिया तनाव और परमाणु (atomic) बयानबाजी के बीच दुनिया की निगाहें हर डेवलपमेंट पर करीब से लगी हुई हैं। ताजा खबर फैली है कि यूक्रेन की सीमा की ओर रूस द्वारा मिसाइलों, मिसाइल लांचर और वॉरहेड को एक "परमाणु ट्रेन" (nuclear train) के जरिये भेजा जा रहा है और रूस ने न्यूक्लियर बॉम्बर्स (nuclear bombers) तैनात कर दिए हैं। लेकिन ये सभी चिंताएं काफी हद तक निराधार प्रतीत होती हैं। इन अटकलों की वजह रूस के उत्तरी क्षेत्रों और सीमाओं पर हाल ही में सैन्य विमानों की उपस्थिति है।

क्या किया गया दावा

मीडिया आउटलेट्स ने बीते बुधवार को बताया कि रूस ने नाटो सदस्य नॉर्वे के साथ अपनी सीमा के करीब रणनीतिक हमलावरों की संख्या बढ़ा दी है। नॉर्वेजियन प्रकाशन "फ़ैक्टिस्क" ने बताया कि उपग्रह इमेजरी ने कोला प्रायद्वीप पर रूसी एयरबेस ओलेन्या के मरमंस्क शहर से लगभग 60 मील दक्षिण में 11 टुपोलेव विमान दिखाए हैं। चूंकि पश्चिम में चिंता है कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के साथ युद्ध में परमाणु हथियारों का सहारा ले सकते हैं, इसलिए इस खबर से चिंता फैल गई।

क्या है असलियत

"फक्टिस्क" की रिपोर्ट के अनुसार, 7 अक्टूबर से प्लैनेट लैब्स कम्पनी की सैटेलाइट इमेज में कोला प्रायद्वीप पर रूस के ओलेन्या एयरबेस पर सात टीयू-160 रणनीतिक बमवर्षक और चार टीयू-95 विमान दिखाई दे रहे हैं।

नाटो के संस्थापक सदस्य नॉर्वे से इस साइट की निकटता ने कुछ मीडिया आउटलेट्स में अफरातफरी फैला दी।ब्रिटिश टैब्लॉइड द सन, ने खबर छाप दी कि - "पुतिन ने नाटो सीमा से सिर्फ 20 मील की दूरी पर 11 परमाणु हमलावरों को तैनात किये और रूस ने विश्व युद्ध 3 से सर्वनाश की चेतावनी दी।"

रूसी समाचार एजेंसी तास के अनुसार, एयरबेस एक प्रमुख रूसी नौसेना टोही केंद्र है और इस साइट से मिग-31-के ने 2019 में आर्कटिक में के-47एम2 किंजल परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया था। यानी जो फोटो अब दिखाई गई हैं वे दो साल पुरानी हैं।

क्रूज मिसाइलों और रणनीतिक परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम टीयू-160 बमवर्षक पुतिन के आक्रमण में सक्रिय रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद रूसी वायु सेना बढ़त हासिल करने में असमर्थ रही है। 2022 तक, टीयू-160 सबसे बड़ा और सबसे भारी लड़ाकू विमान था और उपयोग में सबसे तेज़ बॉम्बर था। टुपोलेव टीयू-85-एस चार इंजन वाला टर्बोप्रॉप-संचालित रणनीतिक बमवर्षक और मिसाइल प्लेटफॉर्म है।

"फक्टिस्क" ने बताया कि 9 अक्टूबर की उपग्रह इमेज में एक टीयू-160 बमवर्षक को रनवे पर उड़ान भरने के लिए तैयार दिखाया गया है। बमवर्षकों को साइट पर रखना असामान्य है क्योंकि वे आम तौर पर मास्को के दक्षिण-पूर्व में लगभग 450 मील की दूरी पर एंगेल्स एयर बेस पर स्थित होते हैं।

पिछले महीने, द जेरूसलम पोस्ट ने बताया था कि इजरायल की खुफिया फर्म इमेजसैट इंटरनेशनल (आईएसआई) ने एयरबेस पर रूसी टीयू-160 और टीयू-95 रणनीतिक बमवर्षकों की "अनियमित उपस्थिति" का पता लगाया था। 12 अगस्त को एयरबेस पर कोई रणनीतिक बमवर्षक मौजूद नहीं थे, लेकिन उपग्रह इमेजरी ने 21 अगस्त को चार टीयू-160 और 25 सितंबर को तीन टीयू-95 का पता लगाया।

हालांकि, जैसा कि फक्टिस्क ने उल्लेख किया है, कोला प्रायद्वीप पर हमलावरों की तैनाती अपने आप में आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि यह रूसी सैन्य अधिकारियों द्वारा इस सप्ताह बेरेन्ट्स सागर में व्यापक फायरिंग अभ्यास के बारे में चेतावनी भेजने के साथ मेल खाता है।

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