जानवरों को भी लगेगा कोरोना का टीका, आ गई दुनिया की पहली वैक्सीन
रूस ने जानवरों के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने का टीका बना लिया है। ये टीका दुनिया में जानवरों के लिए पहला है।
मॉस्को। पूरी दुनिया में फैला कोरोना वायरस का कहर मनुष्यों के अलावा जानवरों पर भी बुरी तरह से बरस रहा है। ऐसे में अब रूस ने जानवरों के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने का टीका बना लिया है। बता दें, ये टीका दुनिया में जानवरों के लिए पहला है। जानवरों के संक्रमण से बचाव के लिए आई नई वैक्सीन का नाम Carnivac-Cov है। वहीं देश के कृषि मसलों पर नजर रखने वाली संस्था रोजेलखोनाजोर ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी है।इस वैक्सीन से जानवरों की जाती जान का खतरा भी कम हो जाएगा।
वैक्सीन के तीन टीके उपलब्ध
आपको बता दें कि रूस में पहले से ही मनुष्यों के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन के तीन टीके उपलब्ध हैं, इनमें से सबसे लोकप्रिय वैक्सीन स्पुतनिक वी है। ऐसे में मास्को ने दो अन्य वैक्सीन एपिवैककोरोना और कोविवैक को भी आपातकालीन स्वीकृति दी है।
इस बारे में संस्था ने बताया कि जानवरों के लिए कोरोना वैक्सीन कार्निवैक-कोव (Carnivac-Cov) रोजेलखोनाजोर की ही एक इकाई द्वारा विकसित की गई है। रोजेलखोनाजोर के उप प्रमुख कोंस्टेंटिन सवेनकोव ने कहा कि वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल बीते साल अक्टूबर में शुरू हुआ था। इसमें कुत्तों, बिल्लियों, आर्कटिक लोमड़ियों, मिंक, लोमड़ियों और अन्य जानवरों को शामिल किया गया था।
एंटीबॉडी विकसित
साथ ही इस ट्रायल के परिणाम में ये बात सामने आई कि वैक्सीन जानवरों के लिए हानिरहित और अत्यधिक प्रतिरक्षात्मक है। इसमें जितने जानवरों को टीका लगाया गया था उन सबमें कोरोना वायरस के लिए एंटीबॉडी विकसित हुई। वहीं टीकाकरण के बाद प्रतिरक्षण छह महीने तक रहता है।
जानवरों में कोरोना का टीका लगने से संक्रमण का खतरा बहुत कम हो जाएगा। ऐसे में टीकाकरण के बाद प्रतिरक्षण छह महीने तक रहता है। वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन अप्रैल के शुरू में शुरू हो सकता है। जिससे जानवरों में फैल रहा संक्रमण काफी हद तक कम हो जाएगा।