Russia War Games: रूस ने लांच किये वॉर गेम्स, भारत और चीन भी शामिल

Russia War Games: भारत ने पहले भी रूस में बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भाग लिया है। एक भारतीय दल सितंबर 2021 में आयोजित "जपाड" सैन्य अभ्यास का हिस्सा था।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-09-01 14:07 IST
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Russia War Games: रूस ने भारत, चीन और अन्य देशों की सेनाओं को शामिल करते हुए सप्ताह भर चलने वाले वॉर गेम्स आज लांच कर दिए। युद्धाभ्यास का उद्देश्य यह प्रदर्शित करना भी है कि भले ही उसके सैनिक यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई में लगे हों लेकिन रूस के पास बड़े पैमाने पर अभ्यास के लिए पर्याप्त सैन्य शक्ति है।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वोस्तोक 2022 (ईस्ट 2022) अभ्यास 7 सितंबर तक रूस के सुदूर पूर्व और जापान सागर में सात फायरिंग रेंज में आयोजित किया जाएगा और इसमें 50,000 से अधिक सैनिक और 5,000 से अधिक हथियार इकाइयां शामिल होंगी, जिसमें 140 विमान और 60 युद्धपोत शामिल हैं।

रूसी जनरल स्टाफ प्रमुख, जनरल वालेरी गेरासिमोव, व्यक्तिगत रूप से अभ्यास की देखरेख करेंगे, जिसमें कई पूर्व सोवियत देशों, चीन, भारत, लाओस, मंगोलिया, निकारागुआ और सीरिया के सैनिक शामिल होंगे। रक्षा मंत्रालय ने उल्लेख किया कि युद्धाभ्यास के हिस्से के रूप में, जापान के सागर में रूसी और चीनी नौसेनाएं "समुद्री संचार, समुद्री आर्थिक गतिविधि के क्षेत्रों और तटीय क्षेत्रों में जमीनी सैनिकों के समर्थन की रक्षा के लिए संयुक्त कार्रवाई का अभ्यास करेंगी।"

भारत ने पहले भी सैन्य अभ्यास में भाग लिया 

ये अभ्यास मास्को और बीजिंग के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को प्रदर्शित करता है, जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन में अपने सैनिकों को भेजने के बाद से मजबूत हुए हैं। चीन ने रूस की कार्रवाई की आलोचना करने से इनकार कर दिया है, मास्को को उकसाने के लिए अमेरिका और नाटो को दोषी ठहराया है, और है मास्को पर लगाए गए दंडात्मक प्रतिबंधों की आलोचना की है।

भारत ने पहले भी रूस में बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भाग लिया है। एक भारतीय दल सितंबर 2021 में आयोजित "जपाड" सैन्य अभ्यास का हिस्सा था।

विश्लेषकों का कहना है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच "वोस्तोक - 2022" सैन्य अभ्यास में इस बात की पुष्टि होती है कि अमेरिका के साथ मजबूत रणनीतिक साझेदारी के बावजूद मास्को के साथ दिल्ली के मैत्रीपूर्ण संबंध बने हुए हैं। भारत ये दिखा रहा है कि वह यूक्रेन संकट के मद्देनजर अपनाई गई स्वतंत्र स्थिति का पालन करेगा और अमेरिका तथा रूस के बीच तटस्थ बना रहेगा।"

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