Russia-Ukraine Update: नाटो सेना के जमावड़े पर भड़का रूस, जारी युद्ध के बीच दी बड़ी चेतावनी

Russia-Ukraine Update: यूक्रेन को सैन्य मदद देने से साफ इनकार करने वाला नाटो रूस के पूर्वी हिस्से में अपने सैन्य जमावड़े को बढ़ा रहा है। जिससे रूस ने उसे सख्त चेतावनी दी है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-03-09 14:49 GMT

रूस राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Social media)

Russia-Ukraine Update: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का आज 14वां दिन है। तमाम कवायदों के बावजूद दोनों देशों के बीच जंग खत्म नहीं हो सका है। रूसी हमले ने यूक्रेन में भारी तबाही मचा दी है। अपने से कहीं अधिक ताकतवर मुल्क से जंग लड़ रहा यूक्रेन लगातार नाटो और वेस्ट से मदद की गुहार लगा रहा है। यूक्रेन को सैन्य मदद देने से साफ इनकार करने वाला नाटो रूस के पूर्वी हिस्से में अपने सैन्य जमावड़े को बढ़ा रहा है। नाटो के इस हरकत पर रूस भड़क गया है। रूस ने इसे नाटो का भड़काऊ कदम करार देते उसे सख्त चेतावनी (russia warning to nato) दी है।

बुधवार को रूस ने पूर्वी हिस्से में नाटो के बढते सैन्य जमावड़े पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नाटो का असली मकसद उसे रोकना है। रूस ने चेतावनी(russia warning to nato) देते हुए कहा कि हम नाटो को मुंहतोड़ जवाब देंगे।

नाटो रूस से टकराने से डरता

दरअसल रूस का ये बयान तब आया है जब कुछ समय पहले ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें अब नाटो की सदस्यता नहीं लेनी है। यूक्रेन अब नाटो की सदस्यता की मांग नहीं करेगा।

इसके अलावा उन्होंने अपने रवैये में रूस के प्रति नरमी लाते हुए कहा कि वे दो अलग-अलग रूसी समर्थक क्षेत्रों (डोनेट्स्क और लुहांस्क) की स्थिति पर समझौता करने को तैयार हैं।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, नाटो द्वारा अपनाए गए रवैये से नाराज और निराश राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि नाटो रूस से टकराने से डरता है। उन्होंने नाटो पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो ऐसे देश का राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते, जो घुटनों के बल कुछ मांग रहा हो।

दरअसल यूक्रेनी राष्ट्रपति नाटो से कई बार यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने और उन्हें नाटो में शामिल करने की मांग कर चुके हैं। लेकिन रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के तीखे तेवर और कड़ी चेतावनी को देखते हुए नाटो रूस से सैन्य संघर्ष का खतरा मोल नहीं लेना चाहता।

यही वजह है कि नाटो समेत अन्य पश्चिमी देश यूक्रेन को सैन्य मदद देने से साफ मना कर रहे हैं। हालांकि इसी के साथ नाटो यूरोप में किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए खुद को तैयार भी कर रहा है। पूर्वी हिस्से में सैनिकों का जमावड़ा उसी कवायद का हिस्सा है, जिससे रूस एकबार फिर चिढ़ गया है। 

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