Russia Ukraine War: यूक्रेन से लोगों का पलायन जारी, UN के अनुसार अब तक इतने लोगों ने छोड़ा अपना मुल्क
रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण बहुत यूक्रेनी नागरिक अपना मुल्क छोड़ दूसरे मुल्कों में जाकर शरण ले रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 3.5 लाख से ज्यादा लोगों ने यूक्रेन छोड़ दूसरे देशों में शरण ले लिया है।
कीव। दुनिया की सबसे खूबसूरत भौगोलिक बनावट, शिक्षित और संपन्न आबादी के कारण यूरोप अन्य महाद्वीपों से हमेशा आगे रहा है। दुनिया के किसी भी किस्से में अस्थिरता आने के बाद लोग अच्छी जीवनशैली और शांति के लिए यूरोप (Europe) की ओऱ रूख करते हैं। लेकिन यूरोप इसबार खूद उन्हीं अस्थिरताओं जूझ रहा है, जिसके न होने की मिसालें दी जाती थीं। प्रथम विश्व युद्ध औऱ द्वितीय विश्व युद्ध का एपिसेंटर रहा यह महाद्वीप एकबार फिर उसी राह पर निकल पड़ा है। रूस द्वारा यूक्रेन पर भीषण सैन्य हमला किए जाने के बाद यूरोप एक गंभीर शरणार्थी संकट की ओर जाता दिख रहा है। प्रतिदिन यूक्रेनी लोगों का अपने देश से पलायन का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
साढ़े तीन लाख से अधिक लोगों ने छोड़ा अपना घर
युद्ध को मानव जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी इसिलिए कहा गया है, जब एक देश के स्वार्थ की पूर्ति के लिए लाखों लोगों को अपनी खुशहाली की कुर्बानी चढ़ानी पड़ती है। यूक्रेन पर रूसी हमले का आज चौथा दिन है। यूक्रेन का कोई शहर अब रूसी मिसाइलों के हमले से नहीं बचा है। नागरिकों को निशाना नहीं बनाने की बात करने वाले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के दावे के विपरीत रिहायशी इमारतों पर मिसाइलों से हमला किया गया। भीषण बमबारी से सहमे लोग यहां से निकलने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन से छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3.68 लाख पहुंच गई है। सड़कों पर लंबा जाम है, लोग के बीच देश छोड़ने की आपाधापी मची हुई है। पोलैंड की सीमा पर सबसे अधिक लोग जमा हो गए हैं।
भीषण रूसी हमले का दंश झेल रहा यूक्रेन अब भी पुतिन के सामने झुकने को तैयार नहीं है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने एकबार फिर दोहराते हुए कहा कि जबतक वो अपने मुल्क को मुक्त नहीं करा लेते, तब तक रूस के खिलाफ लड़ते रहेंगे। वहीं दूसरी तरफ पश्चिम देश और अमेरिका ने भी यूक्रेन को सैन्य साजों सामान से मदद करने का फैसला कर लिया है। इन मुल्कों ने हथियारों की सप्लाई करनी शुरू कर दी है।