फेमस हैं इनके गानें, अब इस्लाम के नाम पर सिंगिंग को कहा अलविदा
खश्क के इस फैसले से उनके समर्थक काफी खुश हैं। ऐसे में खश्क ने अपने सभी समर्थकों को धन्यवाद दिया है। साथ ही, उन्होंने ये भी कहा है कि वह अब कभी भी अपना फैसला नहीं बदलेंगी। इसलिए वह शोबिज में वापस कदम नहीं रखेंगी।
इस्लामाबाद: शोबिज को पाकिस्तान की चर्चित सूफी सिंगर शाजिया खश्क ने अलविदा कह दिया है। अब वह सिंगिंग को छोड़कर इस्लाम के लिए काम करेंगी। जी हां, शाजिया खश्क के फैंस के लिए ये बेहद बुरी खबर है। शाजिया खश्क अब से गाना नहीं गाएंगी।
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पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, 'लाल मेरी पत' और 'दाने पे दाना' फेम शाजिया खश्क अब सिंगिंग छोड़कर अपना सारा जीवन इस्लामी शिक्षा के अनुरूप में बिताना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि, ‘मैं फैसला कर चुकी हूं। मुझे अब अपनी बाकी की जिंदगी इस्लाम की सेवा में बितानी है।’
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खश्क के इस फैसले से उनके समर्थक काफी खुश हैं। ऐसे में खश्क ने अपने सभी समर्थकों को धन्यवाद दिया है। साथ ही, उन्होंने ये भी कहा है कि वह अब कभी भी अपना फैसला नहीं बदलेंगी। इसलिए वह शोबिज में वापस कदम नहीं रखेंगी।
कौन हैं शाजिया खश्क?
- शाजिया सिंध से ताल्लुक रखती हैं।
- उनको सिंधी के अलावा उर्दू, पंजाबी, बलोची, सराइकी और कश्मीरी भाषाओं की समझ है।
- वह उर्दू, पंजाबी, बलोची, सराइकी और कश्मीरी भाषाओं में गानें गा चुकी हैं।
- खश्क एक सूफी गायिका के रूप में तो फेमस हैं ही, साथ में, वह एक मशहूर सिंधी लोक कलाकार भी हैं।