तीन बहनों ने मिलकर पिता को बेरहमी से मार डाला, जानकर कांप जाएगी रूह

एक फ्लैट में तीन बहनें अपने पिता के साथ रहती थीं। एक रात जब पिता सो गए तो लड़कियों ने उनके ऊपर चाकू, हथौड़े और मिर्ची पाउडर से हमला कर दिया।

Update: 2020-12-05 13:27 GMT
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस में आमतौर पर पुलिस घरेलू हिंसा को 'पारिवारिक विवाद' मानती है और बहुत कम मदद करती है। आरोपी लड़कियों की मां भी घरेलू हिंसा का शिकार हुई थीं।

नई दिल्ली : एक परिवार की तीन बहनों ने अपने बाप को उस वक़्त मार डाला जब वो सो रहा था। यह मामला बेहद चर्चित दर्दनाक और भयावह है जो रूस के एक परिवार के साथ घटा है। ये परिवार एक फ्लैट में रहता था। इस परिवार में रहने वाली तीन बेटियों ने एक रात अपने के पिता के सो जाने के बाद उनके ऊपर चाकू, हथौड़े और मिर्ची पाउडर से हमला कर दिया था। इसके बाद इन तीनों लड़कियों ने ही पुलिस को इस बारे में जानकारी दी थी।

एक फ्लैट में तीन बहनें अपने पिता के साथ रहती थीं। एक रात जब पिता सो गए तो लड़कियों ने उनके ऊपर चाकू, हथौड़े और मिर्ची पाउडर से हमला कर दिया। घटना के बाद लड़कियों ने खुद पुलिस को फोन किया और फिर बहनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

हत्या के कारणों की पड़ताल

बता दें कि तीन बहनों के अपने पिता की जान लेने की यह घटना रूस की है।करीब ढाई साल पहले हुई इस घटना को लेकर रूस में काफी लोग मानते हैं कि बहनों ने जो किया उसके पीछे ठोस वजहें थीं और उन्होंने खुद के बचाव में ऐसा किया, लेकिन कई लोगों की नजर में यह हत्या सोच समझकर बदले की भावना से की गई थी। यह लड़कियां खचातुर्यन बहनों के नाम से मीडिया की सुर्खियों में रही थीं। हमले के बाद जब पिता की बॉडी की जांच की गई तो उनके शरीर पर चाकू के 30 निशान पाए गए थे। पिता के सिर, गले और छाती पर हमले किए गए थे। वहीं, पुलिस ने जब हत्या के कारणों की पड़ताल की तो मालूम हुआ कि पिता लंबे वक्त से बेटियों को प्रताड़ित कर रहे थे।

 

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घरेलू हिंसा की शिकार

एक रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में पता चला कि करीब 3 साल से पिता अपनी बेटियों को पीटा करते थे, कई माध्यमों से टॉर्चर करते थे, बेटियों को कैदी की तरह रखते थे और उनके साथ यौन दुर्व्यवहार भी करते थे। घटना के वक्त मारिया 17 साल, एंजेलिना 18 साल और क्रिस्टिना 19 साल की थीं। पिता के साथ तीनों बहनें मॉस्को के एक फ्लैट में रहा करती थीं। बहनों के साथ-साथ उनकी मां भी पिता के हाथों घरेलू हिंसा की शिकार हो चुकी थीं। लंबे वक्त तक प्रताड़ना सहने के बाद तीनों बहनों ने 27 जुलाई 2018 को पिता की हत्या कर दी थी।

 

 

पिता की हत्या कर दी

घटना के वक्त लड़कियों की मां साथ में नहीं रह रही थीं। पिता ने लड़कियों को अपनी मां से मिलने से रोक रखा था। हालांकि, घरेलू हिंसा के तमाम सबूतों के बावजूद तीनों बहनों पर हत्या का आरोप लगाया गया। इसकी वजह से यह मामला रूस में बहस के केंद्र में आ गया। 3 लाख से अधिक लोगों ने एक कैंपेन में शामिल होकर बहनों की रिहाई की मांग की थी। मानवाधिकार संगठनों ने बहनों को गुनहगार की जगह पीड़ित बताया था और रूसी कानून में बदलाव की मांग भी उठी थी। इन लड़कियों ने 27 जुलाई 2018 को अपने पिता की हत्या कर दी थी।

पिता की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों और आइसोलेशन में रहने की वजह से बहनें पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस से जूझने लगी थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस में आमतौर पर पुलिस घरेलू हिंसा को 'पारिवारिक विवाद' मानती है और बहुत कम मदद करती है। आरोपी लड़कियों की मां भी घरेलू हिंसा का शिकार हुई थीं।

 

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केस की सुनवाई की धीमी रफ्तार

इस केस की सुनवाई अदालत में काफी धीमी रफ्तार से चल रही है। इसी साल कई बार सुनवाई टाली भी गई। इस मामले को लेकर कई बार रूस में प्रदर्शन भी हुए हैं और मांग की गई है कि बहनों को हत्या के आरोपों से मुक्त किया जाए।

अदालत ने आरोपी बहनों को जमानत दे दी, लेकिन उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए, जैसे कि वे पत्रकारों से बात नहीं कर सकतीं और न आपस में बात कर सकती हैं। हत्या की दोषी साबित होने पर बहनों को 20 साल तक की जेल हो सकती है। हालांकि मुकदमे के दौरान एक बार ऐसा वक्त आया था जब जांचकर्ताओं ने संकेत दिए थे कि आरोपी बहनों के ऊपर से हत्या के आरोप हटाए जा सकते हैं, लेकिन अब तक साफ फैसला नहीं लिया जा सका है।

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