जेल में मरे 68 कैदी: खूनी झड़प से कांप उठा साउथ अमेरिका, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

साउथ अमेरिका के इक्वाडोर की सबसे बड़ी जेल लिटोरल पेनिटेंटरी के अंदर बीते शुक्रवार की रात प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच खूनी झड़प हो गई। इस झड़प में 68 कैदी मारे गए और 25 घायल हो गए। इस झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-11-14 13:32 IST

 साउथ अमेरिका के इक्वाडोर जेल में खूनी झड़प। (Social Media) 

Ecuador Jail Violence: साउथ अमेरिका (South America) के इक्वाडोर (Ecuador) की सबसे बड़ी जेल, लिटोरल पेनिटेंटरी (littoral penitentiary) के अंदर शुक्रवार की रात प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच खूनी झड़प हो गई। इस झड़प में  68 कैदी मारे गए और 25 घायल हो गए। अटॉर्नी जनरल (attorney general) के कार्यालय ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी।

एक महीने पहले भी हुई थी हिंसा

ये घटना इक्वाडोर (Ecuador) के ग्वायाकिल शहर की लिटोरल पेनिटेंटरी जेल (littoral penitentiary Jail) की है। ये वही जेल है जहां देश के अब तक के सबसे घातक जेल दंगें हुए हैं। करीब एक महीने पहले इसी जेल में हुई हिंसा में कम से कम 119 कैदियों ने अपनी जान गंवाई थी। इस साल इक्वाडोर जेल हिंसा में अब तक 280 से अधिक कैदियों की मौत हो गई है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हिंसा की वीडियो

जेलों पर कंट्रोल करने की होड़ को लेकर यहां ड्रग्स तस्करी करने वाले गिरोहों के बीच हिंसा (bloody violence) होती रहती है। शुक्रवार रात को हुई हिंसा (bloody violence) की भी यही वजह थी। इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया वायरल (Video Viral) हो गई, जिनमें पीड़ितों को जेल में पीटते और जिंदा जलाते हुए देखा जा सकता है।

कैदियों का ग्रुप कायम करना चाहता था दबदबा

गुयास प्रांत के गवर्नर पाब्लो अरोसेमेना (Guayas Province Governor Pablo Arosemena) के अनुसार, जेल में एक गिरोह के नेता की रिहाई के बाद बिजली की कमी के कारण हिंसा शुरू हुई. उन्होंने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'कुछ कैदियों का ग्रुप अन्य सेल के लोगों पर अपना दबदबा कायम करना चाहते थे, इस वजह से ये हिंसा हुई.'

आपातकाल घोषित कर सुरक्षा बलों को दी गई पूरी शक्ति

अक्टूबर में राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो (Guillermo Lasso) ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया। इसके बाद ये हिंसा सामने आई है। आपातकाल के दौरान सुरक्षाबलों को ड्रग्स की तस्करी और अन्य अपराधों से लड़ने के लिए पूरी शक्ति दी गई। बीते शनिवार को राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा, पहला अधिकार जिसकी हमें गारंटी देनी चाहिए वह जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार होना चाहिए। लेकिन सुरक्षा बल सुरक्षा के लिए काम नहीं कर सकते हैं तो ये संभव नहीं है। वह संवैधानिक न्यायालय द्वारा हाल ही में आपातकाल की स्थिति के बावजूद सेना को जेलों में भेजने से इनकार करने का जिक्र कर रहे थे। सैनिक फिलहाल जेल के बाहर हैं।

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