Sri Lanka Crisis: अब श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने भी दिया इस्तीफा

Sri Lanka Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis) में कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे के बाद अब सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित निवार्द काबराल ने भी इस्तीफा दे दिया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-04-04 14:36 IST

श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर अजित निवार्द काबराल (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Sri Lanka News : बेहद उथलपुथल के दौर से गुजर रहे श्रीलंका में अब केन्द्रीय बैंक के गवर्नर ने अचानक इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले देश के सभी कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका (Sri Lanka crisis) में गुस्साए लोग प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से पद छोड़ने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। लगभग 2 करोड़ 20 लाख लोगों का द्वीप राष्ट्र 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता के बाद से अपने सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

5 अप्रैल को होने वाला था ब्याज दर पर फैसला

केंद्रीय बैंक के गवर्नर अजित निवार्द काबराल (Ajit Nivard Cabral) का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब मंगलवार 5 अप्रैल को केंद्रीय बैंक ब्याज दर पर फैसला करने वाला था। केंद्रीय बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कल की घोषणा को स्थगित करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। पिछले महीने अमेरिकी डॉलर के अवमूल्यन के बाद से श्रीलंकाई मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने मूल्य का 30 फीसदी से अधिक खो चुकी है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ बेलआउट पर बातचीत से पहले देश ने पिछले महीने अपनी मुद्रा का तेजी से अवमूल्यन किया है। इस बीच, राष्ट्रपति राजपक्षे के पूर्व वकील और देश के पूर्व न्याय मंत्री अली साबरी ने नए वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली। काबराल को पिछले सितंबर में केंद्रीय बैंक के 16वें गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया था। वह पहले जुलाई 2006 से जनवरी 2015 तक लगभग एक दशक तक बैंक के 12वें गवर्नर थे।

कार्यालय में अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था के आकार को तीन गुना से अधिक करने में मदद की। बैंक ने एक बयान में कहा है कि- श्रीलंका मजबूत और स्थिर मैक्रो-इकनॉमिक फंडामेंटल को बनाए रखने में सक्षम था, जिसमें मुद्रास्फीति निम्न स्तर पर थी, और गंभीर वैश्विक अनिश्चितताओं और उथल-पुथल के समय में वित्तीय प्रणाली की स्थिरता हासिल की जा रही थी।

स्टॉक एक्सचेंज में रोकी गई ट्रेडिंग

देश में सोमवार को देश के स्टॉक एक्सचेंज के खुलने के कुछ सेकंड बाद ट्रेडिंग रोक दी गई क्योंकि शेयरों में स्वचालित स्टॉप को ट्रिगर करने के लिए आवश्यक पांच प्रतिशत से अधिक की सीमा से अधिक गिरावट आई थी। राष्ट्र अभूतपूर्व भोजन और ईंधन की कमी के साथ-साथ रिकॉर्ड मुद्रास्फीति और बिजली कटौती की चपेट में है, आर्थिक संकट के अंत का कोई संकेत नहीं है।

इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति ने विपक्ष के साथ सत्ता साझा करने की पेशकश की है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि - राष्ट्रपति संसद में सभी राजनीतिक दलों को कैबिनेट पदों को स्वीकार करने और राष्ट्रीय संकट के समाधान के प्रयास में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। इसने जोर देकर कहा कि गहराते संकट का समाधान "लोकतांत्रिक ढांचे के भीतर" पाया जाना चाहिए।

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