Sri Lanka Crisis: विपक्ष के दवाब में अपने भाई की कुर्सी कुर्बान करेंगे राष्ट्रपति गोटबाया

Sri Lanka Crisis : संसद में विपक्षी दल सरकार पर सत्ता छोड़ने का दवाब बना रहे हैं। इस पर विपक्ष के दबाव के आगे झुकते हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अपने भाई महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए तैयार हो गए हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-04-29 14:29 GMT

Sri Lanka Crisis: विपक्ष के दवाब में अपने भाई की कुर्सी कुर्बान करेंगे राष्ट्रपति गोटबाया। (Social Media)

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में आई आर्थिक संकट के कारण वहां की राजनीति में जबरदस्त उथल पुथल मची हुई है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी पार्टी की सरकार सड़क से लेकर संसद तक घिरी हुई है। सड़क पर जहां श्रीलंकाई जनता उनके खिलाफ मोर्चा खोल हुए हैं वहीं संसद में विपक्षी दल सरकार पर सत्ता छोड़ने का दवाब बना रहे हैं। काफी आनाकानी के बाद अब राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अंतरिम सरकार के गठन पर राजी हो गए हैं। अब तक जिद पर अड़े राष्ट्रपति गोटबाया अपने भाई और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को हटाने के लिए तैयार हो गए हैं। इसके साथ ही पूरी कैबिनेट का इस्तीफा भी लिया जाएगा।

सिरिसेना ने की गोटबाया से मुलाकात

पूर्व राष्ट्रपति और प्रमुख विपक्षी नेता मैत्रापाला सिरिसेना ने शुक्रवार दोपहर को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से अंतरिम सरकार के गठन को लेकर मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री समेत पूरी कैबिनेट को हटाने के लिए तैयार हो गए हैं। श्रीलंका में जल्द अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा, नया प्रधानमंत्री और कैबनेट होगी। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि नई सरकार देश को आर्थिक संकट से निकालने के लिए कड़े फैसले लेगी। हम नहीं चाहते कि जनता पर अब और बोझ पड़े, इसके लिए रास्ते निकाले जाएंगे। नई कैबिनेट को संसद से मंजूरी दिलाई जाएगी।

बता दें कि श्रीलंका में दो सबसे ताकतवर सियासी दल हैं। पहली है ताकतवर सत्ताधारी श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना पार्टी, जिसका नियंत्रण राजपक्षे परिवार के पास है। वहीं दूसरी पार्टी है श्रीलंका फ्रीडम पार्टी, जिसके नेता पूर्व राष्ट्रपति मैत्रापाला सिरिसेना हैं।

राष्ट्रपति गोटबाया पर दवाब

श्रीलंका इस दौरान अपने इतिहास के सबसे कठिन आर्थिक दौर से गुजर रहा है। इस आर्थिक त्रासदी ने राजपक्षे परिवार की श्रीलंकाई राजनीति में एकतरफा धमक को लगभग समाप्त कर दिया है। जनता के बीच काफी अलोकप्रिय हो चुके राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पर भी कुर्सी छोड़ने का काफी दवाब है। लेकिन वो सत्ता छोड़ने से साफ इनकार कर चुके हैं। देश में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। विपक्ष भी सरकार की कोई मदद करने से इनकार कर चुका है। विपक्ष का साफ कहना है कि सबसे पहले कैबिनेट को इस्तीफा देना चाहिए और इसके बाद देश में अंतरिम सरकार बनाकर चुनाव कराए जाएं।

राष्ट्रपति गोटबाया ने को जब अपनी कुर्सी खतरे में दिखने लगी, तब वो उन्होंने अपने बड़े भाई की कुर्बानी देने को तैयार हो गए। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे इस्तीफा देने के मूड में नहीं है। दोनों भाईयों के बीच इस फैसले को लेकर मतभेद है। लेकिन श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने उन्हें हटाने का मन बना लिया है। यहां आपको बता दें कि वो प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ही थे जिन्होंने गोटबाया को सक्रिय राजनीति में लाया था। गोटबाया फौज से रिटायर होने के बाद अमेरिका में रहने चले गए थे, लेकिन जब महिंदा श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने गोटबाया को वापस श्रीलंका बुला लिया और उन्हें रक्षा मंत्री बना दिया ।

श्रीलंका में महंगाई

श्रीलंका में महंगाई का आलम ये है कि वहां खाने – पीने से लेकर ईंधन तक की कीमतों में जबरदस्त आग लगी हुई है। वहां जरूरी चीजों की कीमत इस प्रकार है –

  • गेंहूं – 190 रुपये \किलो
  • चावल – 220 रुपये \किलो
  • नारियल तेल – 850 रुपये \लीटर
  • चीनी - 240 रुपये \किलो
  • अंडा – 30 रुपये में एक
  • रसोई गैस – 4200 रुपये
  • पेट्रोल – 250 रुपये \लीटर
  • डीजल – 200 रुपये \ लीटर

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