Sri Lanka Crisis: श्रीलंकाई PM रानिल विक्रमसिंघे होंगे देश के कार्यकारी राष्ट्रपति

Sri Lanka Crisis: श्री लंका का राजनीतिक घटना क्रम तेजी से बदल रही है। राजधानी कोलंबो स्थित राष्ट्रपति आवास पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा है, वहीं राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे किसी अज्ञात जगह पर छिपे हुए हैं।

Update:2022-07-12 14:22 IST

श्रीलंकाई पीएम रानिल विक्रमसिंघे (फोटों साभार न्यूज़ नेटवर्क)

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Sri Lanka Crisis: पड़ोसी देश श्रीलंका का राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रही है। राजधानी कोलंबो स्थित राष्ट्रपति आवास पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा है, वहीं राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे किसी अज्ञात जगह पर छिपे हुए हैं। उनके बारे में मीडिया में सूत्रों के हवाले से खबर चल रही है, किसी को उनके बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं है। इस बीच उन्हें रिप्लेस करने के लिए देश के सियासी हलकों में बैठकों का दौर जारी है। लंबी जद्दोजहद के बाद पद छोड़ने को राजी हुए राष्ट्रपति गोटबाया की जगह कौन लेगा, इसको लेकर माथापच्ची जारी है। 

श्रीलंकाई संसद के स्पीकर महिंदा यप्पा अभयवर्धने के मुताबिक, गोटबाया राजपक्षे 13 जुलाई को राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे देंगे। वहीं देश में नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव 20 जुलाई को संसद में करवाए जाएंगे। 13 जुलाई के बाद चुनाव होने तक देश का अंतरिम राष्ट्रपति कौन होगा, इसपर अभी तक पूरी तस्वीर साफ नहीं हुई थी। लेकिन अब बताया जा रहा है कि मौजूदा पीएम रानिल विक्रमसिंघे 13 जुलाई के बाद नए राष्ट्रपति के चुने जाने तक अंतरिम राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभालेंगे।

श्रीलंकाई संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति के कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री अपने आप कार्यकारी राष्ट्रपति बन जाते हैं। प्रधानमंत्री तब तक कार्यकारी राष्ट्रपति बने रहते हैं, जब तक नया राष्ट्रपति चुन नहीं लिया जाता, मगर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे द्वारा इस्तीफा देने के ऐलान के बाद एक पेंच फंस गया था। दरअसल हुआ ये था कि बीते शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो स्थित विक्रमसिंघे के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पद छोड़ने की बात कही थी। 

ऐसे में श्रीलंका का संविधान कहता है कि यदि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने हों तो संसद का स्पीकर 30 दिनों तक कार्यकारी राष्ट्रपति की भूमिका निभाएंगे। ऐसे में स्पीकर महिंदा यप्पा अभयवर्धने के कार्यकारी राष्ट्रपति बनने की खबरें मीडिया में चलने लगीं। लेकिन अब बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे नया राष्ट्रपति चुने जाने के बाद पद से इस्तीफा देंगे। ऐसे में संविधान के मुताबिक, 13 जुलाई के बाद वो कार्यकारी राष्ट्रपति की भूमिका निभाएंगे।

श्रीलंका की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजी जन बालावेगाया के नेता सजित प्रेमदासा ने बताया कि वे आगामी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार होंगे। इसके लिए उन्होंने देश के अन्य विपक्षी दलों से समर्थन भी मांगा है। प्रेमदासा की पार्टी के पास संसद में 50 सीटें हैं, जबकि राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए 113 सांसदों का समर्थन चाहिए। प्रेमदासा श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं। वे कोलंबो से सांसद हैं। वो लगातार राष्ट्रपति गोटबाया और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे पर हमलवार रहे हैं। उन्होंने कहा था कि बीते ढाई सालों में इस सरकार ने देश को बर्बाद कर दिया। हम नए राष्ट्रपति और नए पीएम के साथ देश में नई सरकार बनाएंगे। 

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