Kamala Harris: किस्सा कमला हैरिस की जाति और भारत कनेक्शन का

Kamala Harris: कमला हैरिस को भारतीय मूल की या जमैकेन मूल की अश्वेत कह सकते हैं। वैसे उन्होंने खुद को ब्लैक अमेरिकन कहा हुआ है लेकिन साथ ही अपनी भारतीय जड़ों की भी बात कही है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-09-19 14:00 IST

Kamala Harris

Kamala Harris: दुनियाभर में अमेरिकी चुनाव को लेकर काफी रुचि है कि इस बार नतीजे क्या करवट लेते हैं। रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले में डेमोक्रेट कमला हैरिस हैं। काफी उत्सुकता कमला हैरिस के भारत कनेक्शन और उनकी जाति को लेकर है,खासकर भारतीयों में।

भारत से रिश्ता

कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन का जन्म तमिलनाडु में 1938 में हुआ था। श्यामला की उम्र सिर्फ़ 19 साल थी जब उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। ​​उसके बाद उन्होंने 25 साल की उम्र में अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्विद्यालय, बर्कले से पोषण और एंडोक्राइनोलॉजी में पीएचडी की डिग्री हासिल की। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में श्यामला की मुलाकात अश्वेत जमैकन डोनाल्ड हैरिस से हुई। उन्होंने 1963 में शादी की और 1964 और 1967 में दो बेटियाँ हुईं। पहली बेटी थी कमला और छोटी माया। हालाँकि, कुछ ही सालों में श्यामला और डोनाल्ड हैरिस अलग हो गए और उनका तलाक हो गया। अब कमला हैरिस को भारतीय मूल की या जमैकेन मूल की अश्वेत कह सकते हैं। वैसे उन्होंने खुद को ब्लैक अमेरिकन कहा हुआ है लेकिन साथ ही अपनी भारतीय जड़ों की भी बात कही है।

जाति की बात

तमिलनाडु के सेलम जिले में एक गांव है कमलापुरम। इसी गांव में कमला हैरिस की माँ श्यामला गोपालन का जन्म 1938 में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। कमलापुरम कुछ जातिगत कारणों से सन 24 में ही खबरों में आया था। हुआ ये था कि कमलापुरम के मूल निवासी आर वीरियन को उस गांव में एक सड़क पर प्रवेश करने से रोका गया था। क्योंकि "अछूतों" को पारंपरिक रूप से उस सड़क का उपयोग करने की अनुमति नहीं थी। ये सड़क एक विशेष ब्राह्मण बस्ती यानी अग्रहारम में स्थित थी। ब्रिटिश भारत के प्रांतों में उस समय वीरियन विधान परिषद के सदस्य थे। उन्होंने अपने नागरिक अधिकारों के उल्लंघन का विरोध करते हुए मद्रास सरकार के मुख्य सचिव को एक टेलीग्राम भेजा था।

वीरियन ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि उनका इरादा केवल कमलापुरम में “अग्रहारम सार्वजनिक मार्ग” से गुजरने का था ताकि वहां स्थित डाकघर में एक पत्र पोस्ट कर सकें और उसी इलाके में एक स्कूल देख सकें। लेकिन “पंचमा प्रदूषण” (“अस्पृश्यता”) के कारण, गांव के एक ब्राह्मण मुंसिफ ने वीरियन को उस गली में प्रवेश करने से रोक दिया। खैर, विरियन ने काफी संघर्ष किया। सदन में लड़ाई लड़ी और अंततः देश में अस्पृश्यता के खिलाफ़ सबसे पहले कानून बनाने में अहम भूमिका निभाई। जिसे मद्रास लोकल बोर्ड्स संशोधन अधिनियम 1926 कहा गया। इसने जातिगत बहिष्कार की प्रथाओं को गैरकानूनी घोषित कर दिया। अस्पृश्यता को अपराध घोषित करने के अलावा इसने दंड का भी प्रावधान किया।

अब क्या हुआ

कमलपुराम घटना की याद इसलिए हो रही है क्योंकि अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की माँ का 2003 का एक उद्धरण सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन ने एक इंटरव्यू में कहा था - "भारतीय समाज में हम जन्म से ही तय होते हैं। हम ब्राह्मण हैं, यह सर्वोच्च जाति है। कृपया इसे वर्ग से न जोड़ें, जो केवल पैसे के बारे में है। ब्राह्मणों के लिए, रक्तरेखा सबसे महत्वपूर्ण है। गोपालन नाम का मेरा परिवार 1,000 साल से भी ज़्यादा पुराना है।"

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