पंजशीर में तालिबानियों ने इंटरनेट सेवा को किया बंद, अमरुल्ला सालेह ने किया था ट्विट
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह पंजशीर की घाटी में मौजूद हैं और वहां से तालिबानियों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं..
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह पंजशीर की घाटी में मौजूद हैं और वहां से तालिबानियों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं। अमरुल्ला सालेह ट्विटर पर कुछ ट्वीट न कर सकें, इसलिए तालिबानियों ने रविवार को पंजशीर घाटी में इंटरनेट ही बंद कर दिया। अमरुल्लाह सालेह अभी तक तालिबानियों से लोहा ले रहे हैं जिसके कारण तालिबानी सेनाओं को अफगानिस्तान में एकक्षत्र राज करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान को कब्जा किए दो हफ्ते हो चुके हैं, लेकिन अब तक यहां के पंजशीर (Panjshir) को तालिबान कब्जा नहीं कर सका है। इस बीच रविवार को तालिबान ने पंजशीर घाटी में इंटरनेट ही बंद करवा दिया। बताया जा रहा है कि तालिबान ने पंजशीर में इंटरनेट पर इसलिए रोक लगाई है, ताकि अमरुल्ला सालेह कोई ट्वीट न कर सकें। अमरुल्ला सालेह ट्विटर पर लगातार एक्टिव हैं और तालिबान के खिलाफ ट्वीट कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार को ही ट्वीट किया था Resistance, जिसका मतलब होता है 'प्रतिरोध'।
RESISTANCE
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 27, 2021
مقاومت
पंजशीर अफगानिस्तान का एकमात्र ऐसा प्रांत है जिसको तालिबान अब तक कब्जा नहीं कर सका है। कई तालिबान विरोधी पंजशीर में जमा हैं। अफगानी कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह भी पंजशीर घाटी में ही मौजूद हैं और वहीं से तालिबानियों को ललकार रहे हैं। इससे पहले शनिवार को तालिबान ने दावा किया था कि उसके लड़ाके पंजशीर में घुस गए हैं, लेकिन अहमद मसूद ने इस दावे को खारिज कर दिया था।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) पर तालिबान ने 15 अगस्त को कब्जा कर लिया था, जिसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) देश छोड़कर भाग गए थे। उस वक्त उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के भी देश छोड़ने की खबरें थीं। हालांकि, बाद में अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट कर बताया था कि देश में ही हैं। फिलहाल अशरफ गनी यूएई में हैं।