Afghanistan: अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति राशिद दोस्तम के बेटे को तालिबान ने किया अगवा

तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्व उप-राष्ट्रपति अब्दुल राशिद दोस्तम के बेटे को जवज्जान एयरपोर्ट से अगवा कर लिया है। जानकारी के मुताबिक उनके साथ कुछ अफगानी सैनिकों (Afghan soldiers) को भी बंदी बनाया गया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ashiki
Update:2021-08-12 14:51 IST

अब्दुल राशिद दोस्तम (Photo- Social Media)

काबुल: तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्व उप-राष्ट्रपति अब्दुल राशिद दोस्तम के बेटे को जवज्जान एयरपोर्ट से अगवा कर लिया है। जानकारी के मुताबिक उनके साथ कुछ अफगानी सैनिकों (Afghan soldiers) को भी बंदी बनाया गया है। बता दें कि राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने बीते दिन ही यानी बुधवार को ही अब्दुल राशिद दोस्तम (Abdul Rashid Dostum) से मुलाकात की थी। फिलहाल तालिबान या अफगानिस्तान सरकार की तरफ से अभी तक इस घटना की पुष्टि नहीं की गई है।

आपको बता दें कि दोस्तम के बेटे के अपहरण अफगान सरकार (Afghan Government) के लिए बड़ा झटका है। दोस्तम उत्तरी अफगानिस्तान के बड़े नेता हैं। उन्होंने 90 के दशक में अफगानिस्तान में नॉर्दर्न अलायंस खड़ा किया था।

वॉरलॉर्ड कहे जाते हैं दोस्तम

अब्दुल राशिद दोस्तम 2014 में अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति (Vice President) बने और 6 साल से ज्यादा समय तक इस पद पर रहे। इसके अलावा दोस्तम को वॉरलॉर्ड (warlord) भी कहा जाता है। यही नहीं, वॉरलॉर्ड दोस्तम पर अफगानिस्तान में वॉर क्राइम करने के आरोप भी लगे हैं। माना जाता है कि 9/11 के हमले के बाद अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार को गिराने में दोस्तम अमेरिकी सेना के लिए मददगार साबित हुए थे।

बुधवार को ही दोस्तम से मिले थे राष्ट्रपति

एक रिपोर्ट के मुताबिक अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी कल यानी बुधवार को मजार-ए-शरीफ गए थे। यहां पर अशरफ गनी ने अब्दुल राशिद दोस्तम और बल्ख के पूर्व गर्वनर अता मुहम्मद नूर से शहर की सुरक्षा को लेकर चर्चा की थी, क्योंकि तालिबान ने मजार-ए-शरीफ शहर के बाहरी इलाकों पर कब्जा कर लिया है।

काबुल सरकार के लिए बड़ा झटका

गौरतलब है कि अगर मजार पर तालिबान का कब्जा हो जायेगा तो यह काबुल सरकार के लिए बड़ा झटका साबित होगा। क्योंकि इस शहर के साथ उत्तरी अफगानिस्तान पूरी तरह तालिबान के कब्जे में आ जाएगा। दरअसल, 1998 में तालिबान ने मजार पर कब्जा करने के बाद करीब 2000 लोगों की हत्या कर दी थी।

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