तानाशाह का खौफनाक सच: जेल में करता था ये गंदा काम, काँप उठेंगे आप
दुनियाभर में नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के सनकीपन और अजीबोगरीब आदतों से हर कोई वाकिफ है। किम जोंग का ऐसा डर बना हुआ है कि नॉर्थ कोरिया की बहुत कम ही बातें सामने पाती है।
नई दिल्ली। दुनियाभर में नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के सनकीपन और अजीबोगरीब आदतों से हर कोई वाकिफ है। किम जोंग का ऐसा डर बना हुआ है कि नॉर्थ कोरिया की बहुत कम ही बातें सामने पाती है। फिर दबे-छिपे जो बाते सामने आती भी हैं, वे इस कोरियाई तानाशाह की सनक से जुड़े होती हैं। ऐसे में ही एक और तथ्य सामने आया है कि दुनिया के इस हिस्से की जेलें सबसे निर्दयी जेलों में से है। इस बात की जानकारी नॉर्थ कोरिया की सबसे खतरनाक जेलों में से एक Yodok concentration camp में 10 साल बिताने के बाद किसी तरह छूटे एक शख्स कांग चोल-हवन
ने जेलों में रहने वालों के खराब हालात के बारे में सारी सच्चाई बताई।
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18-18 घंटे कड़ी मजदूरी
कांग चोल-हवन जोकि 10 साल कैद में रहकर आया है उसने बताया कि उनके दादा साल 1948 से लेकर 1994 के बीच कोरिया की सरकार में थे। किम जोंग इल (किम जोंग उन के पिता) के हाथ में सत्ता आते ही उनके परिवार पर पश्चिमी संस्कृति के असर का आरोप लगने लगा।
कुछ समय बाद ये माना गया कि परिवार तत्कालीन शासक और कम्युनिस्ट सोच के खिलाफ जा रहा है। सजा के तौर पर उन्हें जेल में डाल दिया गया।
लेकिन तब कैंग की उम्र काफी कम थी लेकिन तब भी उनसे दिन के 18-18 घंटे कड़ी मजदूरी करवाई गई, जिसमें जंगलों से लकड़ियों के भारी गट्ठे लाना भी शामिल था।
कैदियों की स्थिति सामने लाने की कोशिश
वो किसी तरह भागकर चीन में बस चुके कैंग अब वहां पर उत्तर कोरिया में मानवाधिकार उल्लंघन पर एक एनजीओ चला रहे हैं, जिसके तहत कैदियों की स्थिति सामने लाने की कोशिश हो रही है।
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वहीं बीते साल मानवाधिकारों पर काम करने वाली संस्था एमेनेस्टी इंटरनेशनल ने यहां के लैबर कैंपों की सैटेलाइट इमेज ली थी। इस रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे उन जेलों में बलात्कार, गर्भपात, हत्या और कड़ी मजदूरी जैसी बातें आम हैं।
तुरंत खौफनाक मौत मार देती
ऐसा माना जा रहा है कि कोरिया की इन जेलों में 2 लाख से भी ज्यादा कैदी बहुत खराब हालातों में रह रहे हैं। मिली रिपोर्ट के मुताबिक, इन जेलों के चारों ओर राइफल, हैंड ग्रेनेड और खतरनाक खूंखार कुत्तों को लिए एक फौज होती है, जो बाहर निकलने की कोशिश की करने वालों को तुरंत खौफनाक मौत मार देती है।
यहां कई जेलों में ऐसी है जहां सिर्फ विदेशी नागरिकों को रखा जाता है। ऐसे ही एक जेल को Hoeryong concentration कैंप या कैंप 22 कहा जाता था, जिसे विदेशी मीडिया की भयंकर आलोचना के बाद बंद कर दिया गया।
कब्र में जिंदा दफना दिया जाता
कोरिया की जेलों में मानवाधिकारों का बुरी तरह से हनन होता था। कैदियों को नारकीय हालातों में रखा जाता। उन्हें एक जोड़ी कपड़े मिलते, वही पहनकर उन्हें पूरी जिंदगी या सजा काटनी होती। बीमार पड़ने पर कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं मिलता, बल्कि कब्र में जिंदा दफना दिया जाता।
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जेलों में रहने वालों का बाहरी दुनिया के साथ कोई संपर्क नहीं रहता। वहीं जेल की पूर्व गार्ड लिम-हे-जिन के मुताबिक, यहां रहने वाले कैदी चलती-फिरती लाश से ज्यादा नहीं होते थे। उन्हें पीटा जाता और जेल से भागने की कोशिश पर या तो जिंदा जला दिया जाता या फिर गोलियों से भून दिया जाता था।
कैद महिलाओं के साथ बलात्कार-अबॉर्शन
साथ ही एक कमरे में 100 के लगभग कैदियों को रखा जाता। अगर कोई कैदी बहुत ज्यादा मेहनत करे तो उसे इनाम के बतौर अपने परिवार के साथ एक कमरे में रहने की इजाजत मिलती, जहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं होती। प्यास से कई की मौत हो जाती।
मिली इस रिपोर्ट के मुताबिक, जेल में जो महिला कैदी कैद है उनकी हालत सबसे ज्यादा खराब हैं। जेल में आने से पहले इनका प्रेगनेंसी टेस्ट होता है, इसी दौरान संक्रमित इंजेक्शन लगने से बहुतेरी महिलाओं को यौन रोग हो जाते हैं।
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और तो और जेल में रहने के दौरान कैद महिलाओं के साथ बलात्कार और फिर जबर्दस्ती उनका बुरी तरह से अबॉर्शन बिल्कुल नॉर्मल बात है।
वहीं अगर कोई कैदी महिला अबॉर्शन के लिए सहमत न हो तो उसे पहाड़ों पर बहुत वजनदार सामान उठाकर लाने- ले जाने को कहा जाता है, ताकि उसका गर्भपात हो जाए। महिलाओं से साथ ही बच्चों से भी बुरी तरह व्यवहार किया जाता है।
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