नायकू के मारे जाने से तिलमिलाया आतंकी सरगना, कश्मीर को लेकर दी यह धमकी

आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का चीफ सैयद सलाउद्दीन संगठन के कमांडर रियाज नायकू के मुठभेड़ में मारे जाने से बौखला गया है। सलाउद्दीन ने चेतावनी दी है कि कश्मीर का मुद्दा एक चिंगारी है और यह चिंगारी पूरे क्षेत्र को कवर करने वाली आग लगा सकती है।

Update: 2020-05-07 15:56 GMT

नई दिल्ली: आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का चीफ सैयद सलाउद्दीन संगठन के कमांडर रियाज नायकू के मुठभेड़ में मारे जाने से बौखला गया है। सलाउद्दीन ने चेतावनी दी है कि कश्मीर का मुद्दा एक चिंगारी है और यह चिंगारी पूरे क्षेत्र को कवर करने वाली आग लगा सकती है।

आसानी से नहीं बुझेगी यह चिंगारी

बारह लाख के इनामी कमांडर रियाज नायकू के मुठभेड़ में मारे जाने से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन को करारा झटका लगा है। नायकू के मारे जाने की खबर आने के बाद सैयद सलाउद्दीन तिलमिला गया है। उसने नायकू के मारे जाने की घटना को बलिदान बताते हुए कहा कि नायकू का यह बलिदान संगठन के मिशन को हासिल करने में मदद करेगा। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की ओर से जारी एक मैसेज के मुताबिक सलाउद्दीन ने कहा कि कश्मीर मुद्दा एक चिंगारी है और यह चिंगारी आसानी से नहीं बुझने वाली। यह पूरे इलाके में आग लगा सकती है।

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कमजोर हुई हिजबुल की पकड़

जानकार सूत्रों का कहना है कि आतंकी कमांडर रियाज नायकू के मारे जाने से हिजबुल मुजाहिदीन में खलबली मच गई है। घाटी के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नायकू की मौत आतंकी संगठन के लिए एक बड़ा झटका है। इससे दक्षिणी कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन की पकड़ काफी कमजोर हो जाएगी और इसी इलाके में यह आतंकी संगठन ज्यादा सक्रिय रहा है।

खुफिया सूचना पर सेना को मिली कामयाबी

सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से चलाए गए एक ऑपरेशन में 12 घंटे की मुठभेड़ के बाद नायकू को मार गिराने में कामयाबी हासिल की। ऑपरेशन में शामिल सुरक्षाबलों का दावा है कि नायकू और उसके साथियों के खात्मे के साथ ही दक्षिणी कश्मीर आतंकवाद से तकरीबन मुक्त हो गया है। 35 वर्षीय नायकू की पिछले 8 वर्षों से तलाश थी। हंदवाड़ा हमले में पांच सैन्य कर्मियों के शहीद होने के बाद सेना ने अपना ऑपरेशन तेज करते हुए खुफिया सूचना मिलने के बाद नायकू को ढेर करने में कामयाबी हासिल की।

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नायकू के मारे जाने से हिजबुल की कमर टूटी

घाटी में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद रियाज नायकू ने कमान संभाल रखी थी और वह बुरहान के बाद हिज्बुल मुजाहिदीन का दूसरा पोस्टर बॉय था। उसकी आतंकी गतिविधियों के कारण ही उस पर बारह लाख का इनाम घोषित किया गया था। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आतंकियों की रैंकिंग में भी नायकू को सबसे ऊपर रखा गया था। नायकू आतंकी संगठन में नई भर्ती से लेकर आतंकी ठिकाने बनाने और हमले को अंजाम देने की साजिश रचने में माहिर माना जाता था। सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नायकू के मारे जाने के बाद कश्मीर में हिजबुल की कमर टूट गई है।

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आगे भी जारी रहेगा अभियान

इस बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि सुरक्षाबलों की प्राथमिकता है कि वह आतंकियों के शीर्ष नेतृत्व को खत्म करे और सेना आगे भी ऐसा आपरेशन जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि इन आतंकी सरगनाओं का अंजाम देख कर इनकी रैंबो वाली छवि से दूसरे लोग आतंक का रास्ता ना अपनाएं। उन्होंने कहा कि इससे आतंकी संगठनों की भर्ती में भी कमी आएगी।

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