Tour of Duty: द्वितीय विश्व युद्ध से शुरू हुई टूर ऑफ ड्यूटी, जानें किस वजह से शुरू हुई थी ये प्रक्रिया

Tour of Duty: ब्रिटिश सरकार ने निश्चित और सीमित समय के लिए युवाओं को वायुसेना में शामिल किया। ट्रेनिंग के बाद 2 साल में कम से कम 200 घंटे के लिए विमान उड़ाना था।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2022-06-16 10:37 GMT

द्वितीय विश्व युद्ध से शुरू हुई टूर ऑफ ड्यूटी (photo: social media )

Tour of Duty: टूर ऑफ ड्यूटी का इस्तेमाल दरअसल सेना (Army Duty ) में एक्टिव भूमिका निभाने, यानी युद्ध (war) क्षेत्र में उतरने के संदर्भ में होती है। इसके अलावा, टूर ऑफ ड्यूटी को देश के प्रति ड्यूटी से भी जोड़ कर देखा जाता है जिसमें किसी भी वक्त, देश की रक्षा के लिए तैयार रहने के लिए जरूरी सैन्य ट्रेनिंग (military training) पाने को टूर ऑफ ड्यूटी कहा जाता है।

सबसे पहले टूर ऑफ ड्यूटी की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध (World War II ) के दौरान हुई थी। उस समय जब ब्रिटिश वायु सेना (british air force) में पायलटों की कमी हो गई तो ब्रिटिश सरकार ने टूर ऑफ़ ड्यूटी की प्रक्रिया शुरू की। इसके तहत निश्चित और सीमित समय के लिए युवाओं को वायुसेना में शामिल किया गया। शर्त यह थी कि उन्हें ट्रेनिंग के बाद 2 साल में कम से कम 200 घंटे के लिए विमान उड़ाना होगा। यह प्रक्रिया काफी कारगर साबित हुई। इसके बाद इसे कई देशों ने अपनाया। हालांकि प्रत्येक देश ने इसके लिए अपने स्वयं के नियम बनाए हैं और एक अलग आयु सीमा और न्यूनतम सेवा सीमा निर्धारित की है। अमेरिका में भी टूर ऑफ ड्यूटी है लेकिन इसे युद्ध क्षेत्र में जाने को कहा जाता है।

इजराइल

इजरायल में टूर ऑफ ड्यूटी अनिवार्य सैन्य सेवा से जुड़ी हुई है। वहां पुरुषों को इजरायली रक्षा बल में तीन साल और महिलाओं को दो साल की सेवा करनी होती है। इसके बाद ये लोग नागरिक जीवन में लौट जाते हैं। लेकिन जरूरत पड़ने पर इन्हें सेना में बुलाया जाता है।

नॉर्वे

नॉर्वे में सभी पुरुषों और महिलाओं के लिए टूर ऑफ़ ड्यूटी अनिवार्य है। यहां 19 से 44 वर्ष की आयु के बीच कभी भी सेना को जॉइन किया जा सकता है। 2016 में महिलाओं के लिए इस नियम को अनिवार्य कर दिया गया था, ताकि उन्हें भी पुरुषों के बराबर का अधिकार मिल सके।

स्विट्जरलैंड

यहां 18 से 34 साल के युवाओं को सेना में ड्यूटी देना अनिवार्य है, इसके लिए उन्हें 21 हफ्ते की बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है। यह महिलाओं के लिए अनिवार्य नहीं है, यह उनकी इच्छा पर निर्भर करता है। तुर्की

तुर्की में 20 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है। यहां उन लोगों को छूट मिल सकती है जो तीन साल या उससे अधिक समय से विदेश में हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है।यह नियम महिलाओं के लिए अनिवार्य नहीं है।

ब्राजील

ब्राजील में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टूर ऑफ ड्यूटी अनिवार्य है। इसकी समय सीमा 10 से 12 महीने की है।

उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया में भी सेना की ड्यूटी अनिवार्य है। इसके लिए नौसेना में 23 महीने, वायुसेना में 24 महीने और 21 महीने आर्मी में काम करना होता है।

रूस

रूस में 18 से 27 वर्ष की आयु के बीच किसी भी समय सेना में बुलाया जा सकता है और कम से कम 12 महीने की सैन्य सेवा होना अनिवार्य है।

दक्षिण कोरिया

यहां भी तीनों सेनाओं में टूर ऑफ ड्यूटी करना अनिवार्य है, इसमें नौसेना में 23 महीने, सेना में 21 महीने और वायु सेना में 24 महीने ड्यूटी करनी होती है।

चीन

चीन में भी नागरिकों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है, लेकिन यह केवल 18 से 22 वर्ष के बीच कम से कम दो वर्ष के लिए ही की जा सकती है, मकाऊ और हांगकांग को इससे छूट दी गई है।

ग्रीस

ग्रीस में 19 साल के युवाओं को कम से कम 9 महीने की सैन्य सेवा करनी होती है।

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