US Shooting: महिला शूटर ने चर्च में की अंधाधुंध फायरिंग, जवाबी कार्रवाई में हुई ढेर, 2 जख्मी
US Shooting: अचानक हुई इस घटना से घटनास्थल पर हड़कंप मच गया और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
US Shooting: अमेरिका में मास शूटिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। एक के बाद एक करके लगातार घटनाएं सामने आ रही हैं। रविवार को एकबार फिर यह देश गोलीबारी से दहल उठा। यूएस के टेक्सास प्रांत के हृयूस्टन शहर स्थित एक चर्च में आई एक महिला ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। महिला के साथ एक पांच साल का बच्चा भी था। अचानक हुई इस घटना से घटनास्थल पर हड़कंप मच गया और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
दरअसल, रविवार का दिन छुट्टी होने के कारण बड़ी संख्या में स्थानीय लोग लेकवुड चर्च में प्रार्थना के लिए जुटे थे। लोग प्रार्थना कर रहे थे तभी पीछे से गोली चलने की आवाज आई। मौके पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने महिला से बात कर उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वे असफल रहे। जिसके बाद उनकी ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में हमलावर मारी गई। उसके साथ मौजूद पांच साल का बच्चा भी गोली लगने से जख्मी हो गया।
हृयूस्टन पुलिस की प्रतिक्रिया
हृयूस्टन पुलिस के चीफ ट्रॉय ने घटना का विवरण देते हुए बताया कि जैसी ही महिला चर्च में दाखिल हुई उसने गोलीबारी शुरू कर दी। इस दौरान मौके पर मौजूद दो-ऑफ ड्यूटी पुलिस अधिकारियों ने उनसे बातचीत की कोशिश की, मगर महिला शूटर ने गोलीबारी बंद नहीं की। इसके बाद पुलिस अधिकारियों की ओर से जवाबी फायरिंग की गई, जिसमें वह मारी गई। इस कार्रवाई में उसके साथ आया बच्चा घायल हो गया। इसके अलावा एक 57 वर्षीय शख्स को भी गोली लगी। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जनवरी में सात लोगों की हुई थी हत्या
बीते माह जनवरी में अमेरिका के बड़े शहरों में शामिल शिकागो में हमलावर ने एक ही परिवार के सात लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया था। 23 वर्षीय हमलावर रोमियो नेंस वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गया। इससे पहले दिसंबर में लास वेगास शहर के नेवादा यूनिवर्सिटी में एक बंदूकधारी ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी थी। इस घटना में तीन लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। बाद में हमलावर ने खुद को भी गोली से उड़ा लिया था।
बता दें कि अमेरिका में बीते साल इस तरह की गोलीबारी की घटनाओं में 38 निर्दोष लोग मारे गए थे। यूएस में गन कंट्रोल के खिलाफ कानून को लेकर राजनेताओं में एकराय न होने के कारण लगातार निहत्थे लोगों की जान जा रही है।