अमेरिका-ईरान तनाव: अब ट्रंप के निशाने पर 52 ठिकाने, जानिए क्या है कदम....

ईरान ने अमेरिकी बेस पर हमला करके  अमेरिका की नींद फिर उड़ा दी है। अब ईरान के  इस हमले के बाद अमेरिका का अगला कदम क्या होगा। क्या वह 52 ठिकानों को निशाना बनाएगा।क्योंकि सुलेमानी की हत्या के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान अमेरिकी जवानों या सम्पत्ति पर हमला करता है तो अमेरिका 52 ईरानी स्थलों को निशाना बनाएगा

Update: 2020-01-08 02:18 GMT
Nuclear deal between iran us

ईरान ने अमेरिकी बेस पर हमला करके अमेरिका की नींद फिर उड़ा दी है। अब ईरान के इस हमले के बाद अमेरिका का अगला कदम क्या होगा। क्या वह 52 ठिकानों को निशाना बनाएगा।क्योंकि सुलेमानी की हत्या के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान अमेरिकी जवानों या सम्पत्ति पर हमला करता है तो अमेरिका 52 ईरानी स्थलों को निशाना बनाएगा और उन पर बहुत तेजी से और जोरदार हमला करेगा। ट्रम्प ने इराक में एक शीर्ष ईरानी जनरल को निशाना बनाकर शुक्रवार (3 जनवरी) को ड्रोन हमला किए जाने का बचाव करते हुए ट्वीट किया कि 52 अंक उन लोगों की संख्या को दर्शाता है, जिन्हें एक साल से अधिक समय तक तेहरान में अमेरिकी दूतावास में 1979 में बंधक बनाकर रखा गया था।

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ट्रम्प ने ट्वीट किया कि इनमें से कुछ स्थल ''बहुत उच्च स्तर के और ईरान एवं ईरानी संस्कृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन स्थलों और ईरान पर बहुत तेजी से एवं जोरदार तरीके से हमला किया जाएगा। अमेरिका को अब और खतरा नहीं चाहिए। अमेरिका द्वारा शुक्रवार (3 जनवरी) को इराक में किए गए ड्रोन हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान अमेरिकी जवानों या सम्पत्ति पर हमला करता है तो अमेरिका 52 ईरानी स्थलों को निशाना बनाएगा और उन पर ''बहुत तेजी से और जोरदार हमला करेगाकुछ ठिकाने ईरान के लिए बेहद खास हैं. हम इनपर बहुत तेज और जोरदार हमला करेंगे. अमेरिका अब कोई धमकी बर्दाश्त नहीं करेगा.''।ट्रम्प ने इराक में एक शीर्ष ईरानी जनरल को निशाना बनाकर शुक्रवार को ड्रोन हमला किए जाने का बचाव करते हुए ट्वीट किया कि 52 अंक उन लोगों की संख्या को दर्शाता है, जिन्हें एक साल से अधिक समय तक तेहरान में अमेरिकी दूतावास में 1979 में बंधक बनाकर रखा गया था।

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ट्रम्प ने ट्वीट किया कि इनमें से कुछ स्थल ''बहुत उच्च स्तर के और ईरान एवं ईरानी संस्कृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन स्थलों और ईरान पर बहुत तेजी से एवं जोरदार तरीके से हमला किया जाएगा। अमेरिका को अब और खतरा नहीं चाहिए।यह भी कहा है कि इस्लामिक देश ने कोई जवाबी कार्रवाई की तो अमेरिका इससे निपटने के लिए तैयार है। तत्काल औपचारिक रूप से ईरान बिना तैयारी के कोई कार्रवाई नहीं करेगा। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में भी हमला हो सकता है। फलस्तीनी क्षेत्र से इजरायल पर हमले बढ़ सकते हैं। ईरान के सामने कई विकल्प हैं। मसलन, बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हमला कर उसे कब्जे में लेने की कोशिश, इराक के अमेरिकी ठिकाने पर हमले और देश भर में अमेरिकी सैनिकों से भिड़ना, यमन की सीमा के नजदीक सऊदी अरब के दक्षिण में हालिया तैनात अमेरिकी टुकड़ियों पर रॉकेट से हमले तथा सुलेमानी के समकक्ष किसी अमेरिकी अधिकारी की हत्या आदि। इराक में कताइब हिज्बुल्लाह बदले की तैयारी में है। इराक में यह संगठन अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाता रहा है।

अमेरिका द्वारा शुक्रवार को इराक में किए गए ड्रोन हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया है। सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि संभावित जवाबी कार्रवाई का पहला संकेत देते हुए बगदाद में अमेरिकी दूतावास के निकट के एक इलाके में मोर्टार के दो गोले दागे गए।

उन्होंने बताया कि इसी दौरान अमेरिकी बलों की तैनाती वाले अल-बलाद वायुसेना अड्डे पर दो रॉकेट गिराए गए। इराकी सेना ने अल बलाद और बगदाद में मिसाइल हमलों की पुष्टि की है और कहा है कि इनमें कोई हताहत नहीं हुआ। अमेरिका ने भी कहा है कि गठबंधन का कोई जवान हताहत नहीं हुआ। ईधर अमेरिका ने ईरान के खिलाफ एक और कड़ा कदम उठाया है. अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया है.

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