युद्धविराम का एलान: भयानक जंग हुई खत्म, इन दो देशों के बीच हुआ समझौता

पिछले 29 दिनों से आर्मीनिया और अजरबैजान की सेना युद्ध कर रही थी, इस दौरान भारी नुकसान हुआ, कई लोगों की जांच चली गई, तो वहीं कई इलाके खंडहर बन गए।

Update: 2020-10-26 04:12 GMT

लखनऊ: लगभग एक महीने से जारी आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच जंग आखिरकार खत्म हो गयी। दो देश लगातार एक दूसरे पर हमले कर रहे थे, सेनाओं में संघर्ष जारी था, लेकिन अब मानवीय संघर्षविराम के लिए तैयार हो गए हैं। इस बात की जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दी। इसके साथ ही उन्होंने आर्मीनिया और अजरबैजान के प्रमुखों को बधाई भी दी। वहीं आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच शान्ति बहाल कराने के लिए यूएस विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो की तारीफ़ की।

आर्मीनिया और अजरबैजान का युद्ध 29 दिन बाद खत्म

दरअसल, पिछले 29 दिनों से आर्मीनिया और अजरबैजान की सेना युद्ध कर रही थी, इस दौरान भारी नुकसान हुआ, कई लोगों की जांच चली गई, तो वहीं कई इलाके खंडहर बन गए। हालंकि विश्व के कई देश जंग खत्म होने के पक्ष में कह रहे थे। अमेरिका ने दोनों देशों के बीच संघर्षविराम बातचीत की शुरुआत की थी, जो अब सफल हुई।

दोनो देशों के बीच मानवीय संघर्षविराम

विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो की अध्यक्षता में अमेरिकी डेलीगेट्स ने दोनों देशों के बीच शांति समझौते पर बातचीत की, अंत में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने सीजफायर के पालन पर मुहर लगाई है। इस बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर जानकारी दी और दोनों देशों को बधाई दी। उन्होंने विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो की पीठ भी थपथपाई।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किया एलान

ट्रंप ने ट्वीट किया, 'आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिन्यान और अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव को बधाई। दोनों सीजफायर के पालन के लिए मान गए हैं जो आधी रात से प्रभाव में आ गया है। कई जीवन बच जाएंगे। मुझे मेरी टीम माइक पॉम्पियो, स्टीव बेगन और नैशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल पर इस डील के लिए गर्व है।'



दोनों देशों में जंग की वजह:

दरअसल, नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र आधिकारिक तौर पर अजरबैजान का भूभाग है लेकिन इसपर आर्मीनिया के लोगों का कब्जा है। यहां ध्यान दें वाली बात ये हैं कि आर्मीनिया ईसाई बहुल देश है, जबकि अजरबैजान मुस्लिम बहुल देश है। जंग में सैंकड़ो लोगों की मौत हो चुकी हैं।शनिवार तक दोनों देशों के बीच जंग में मरने वाले आर्मीनियाई लोगों की संख्या 963 हो गई। जबकि अजरबैजान के 65 आम नागरिक मारे गए हैं और 298 जख्मी हैं।

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