US Presidential Election: अमेरिका का ऐतिहासिक चुनाव: पूरी दुनिया की निगाहें टिकीं, नतीजों पर बवाल तय
US Presidential election: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चाहते हैं कि राष्ट्रपति पद की दौड़ के विजेता की घोषणा मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद की जाए, सभी मतों की गिनती से पहले। लेकिन चुनाव की रात को विजेता का पता चलना मुश्किल है।
US Presidential Election: अमेरिका में चुनाव का दिन है। ये अब तक का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रपति चुनाव बताया जा रहा है जिसके बाद न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति और अर्थनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ना तय है। इस चुनाव ने पहले ही दुनिया ध्यान आकर्षित कर लिया है, यह चुनाव अमेरिका की राजनीति के लिए एक और महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने वाला है। मतदान 5 नवम्बर को (भारतीय समयानुसार शाम 6 बजे) शुरू होगा और कुछ राज्यों के नतीजे मतदान खत्म होने के आठ-दस घण्टे बाद आना शुरू हो जाएंगे।
चुनाव में इस बार बवाल की भी आशंका है। 2020 के चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने नतीजों को खारिज कर दिया था, वोटों की गिनती तथा नतीजों को फर्जी बताया था। देश भर में ट्रम्प समर्थक बड़े पैमाने पर चुनावी घोटाले के आरोप आज तक लगाते रहे हैं। इस बार के चुनाव में भी ऐसी ही आशंका है। इसीलिए ट्रम्प समर्थक दक्षिणपंथी ग्रुपों ने वोटों की गिनती में किसी भी गड़बड़ी के खिलाफ चेतावनी दे रखी है और जगह जगह अपने लोगों को तैयार रहने को कहा है।
नतीजे कब?
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चाहते हैं कि राष्ट्रपति पद की दौड़ के विजेता की घोषणा मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद की जाए, सभी मतों की गिनती से पहले। लेकिन चुनाव की रात को विजेता का पता चलना मुश्किल है। इसके कई कारणों में से एक यह है कि दो प्रमुख स्विंग राज्यों में रिपब्लिकन सांसदों ने मतगणना में देरी करने वाले कानूनों को बदलने से इनकार कर दिया है। दूसरा कारण यह है कि अधिकांश संकेत यह बताते हैं कि यह एक बहुत ही करीबी चुनाव होगा, और करीबी मुकाबले में अंतिम परिणाम तय करने में हमेशा ज्यादा समय लगता है।
तारीख तय
नवंबर के पहले मंगलवार को संघीय चुनाव कराने की परंपरा 1845 से चली आ रही है। यह निर्णय कांग्रेस द्वारा लिया गया था, जब अमेरिका मुख्य रूप से कृषि प्रधान समाज था। इसी वजह से चुनाव का दिन तय किया गया क्योंकि शरद ऋतु की फ़सल के बाद चुनाव कराने से किसान आसानी से मतदान केंद्रों पर जा सकते थे, जो अक्सर उनके घरों से दूर स्थित होते थे। तब से यह समय और परंपरा बरकरार है।
हाल के वर्षों में इस परंपरा की आलोचना की गई है क्योंकि चुनाव का दिन अमेरिका में संघीय अवकाश नहीं होता है। हालाँकि, कई राज्यों ने ऐसे कानून बनाए हैं, जिनके तहत कर्मचारियों को मतदान के लिए कुछ घंटे की छुट्टी दी जानी चाहिए।
डोनाल्ड ट्रंप की वापसी की कोशिश
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में वापसी की कोशिश कर रहे हैं, उनका टारगेट 2020 में जो बिडेन से हारे राष्ट्रपति पद को फिर से हासिल करना है। हालांकि, ट्रंप का रास्ता अभूतपूर्व कानूनी और राजनीतिक बाधाओं से भरा हुआ है, क्योंकि वे आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। इन विवादों के बावजूद, ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के भीतर एक प्रमुख व्यक्ति बने हुए हैं, जिन्होंने "अमेरिका को फिर से महान बनाने" का वादा किया है। ट्रंप ने ओहियो के सीनेटर जेडी वेंस को अपना रनिंग मेट चुना है। वेंस एक मुखर रूढ़िवादी और लेखक हैं, उनका ग्रामीण और कामकाजी वर्ग के मतदाताओं के साथ गहरा जुड़ाव है।
हैरिस इतिहास बनाने की कोशिश में
2020 के चुनाव में तत्कालीन सीनेटर कमला हैरिस को पहली अश्वेत और दक्षिण एशियाई महिला के रूप में किसी प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी द्वारा उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया गया। उनकी जीत एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी, जिसने पहली बार किसी अश्वेत महिला को उपराष्ट्रपति पद पर बिठाया। अब, शीर्ष पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में वह संभवतः अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति और पद संभालने वाली पहली अश्वेत महिला बनकर एक बार फिर इतिहास रच सकती हैं।हैरिस ने मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज़ को अपना रनिंग मेट चुना है, जो प्रमुख मध्यपश्चिमी राज्यों में मतदाताओं के साथ हैरिस के अभियान को मज़बूत कर सकते हैं।
चुनाव सिस्टम
अमेरिकी जनता सीधे अपने राष्ट्रपति के लिए वोट नहीं करती है। इसके बजाय, वे इलेक्टोरल कॉलेज की संरचना निर्धारित करने के लिए वोट करते हैं। यही इलेक्टोरल कालेज आगे चल कर राष्ट्रपति का चुनाव करता है। इलेक्टोरल कॉलेज में 538 इलेक्टर होते हैं और 270 बहुमत का आंकड़ा है। प्रत्येक राज्य को एक निश्चित संख्या में इलेक्टर आवंटित किए जाते हैं।