क्या सचमुच! इन देशों ने तैयार कर ली वैक्सीन, और हो रहा ट्रायल

अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्‍सीन mRNA-1273 के तीसरे चरण का ट्रायल अगले महीने शुरू होने जा रहा है जिसमें 30 हजार लोग हिस्‍सा लेंगे। इस बीच चीन की कंपनी ने कहा है कि वैक्‍सीन लगने के बाद 90 प्रतिशत लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता सामने आई है।

Update: 2020-06-16 11:35 GMT

लंदन: कोरोना के इस संकट भरे समय में अगर कोई अच्छी खबर हो सकती है तो वो है, कोरोना वायरस के वैक्‍सीन बनकर तैयार होने की खबर जिसका पूरी दुनिया को इंतज़ार है। कोरोना वायरस का कहर दुनिया के चारों तरफ है। बता दें कि ब्रिटेन, अमेरिका और चीन से तीन अच्‍छी खबरें आई हैं। बताया जा रहा है कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस की दूसरी वैक्‍सीन बनकर तैयार हो गई है। इस वैक्‍सीन का ट्रायल बुधवार से शुरू हो जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की वैक्‍सीन mRNA-1273 के तीसरे चरण का ट्रायल अगले महीने शुरू होने जा रहा है जिसमें 30 हजार लोग हिस्‍सा लेंगे। इस बीच चीन की कंपनी ने कहा है कि वैक्‍सीन लगने के बाद 90 प्रतिशत लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता सामने आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज की वैक्‍सीन बनकर तैयार हो गई है और बुधवार से उसका परीक्षण हो सकता है।

अमेरिकी कंपनी के टीके का अगले महीने तीसरा ट्रायल

अमेरिका के मैसाच्युसेट्स में स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी मॉडर्ना थेराप्यूटिक्स की यह वैक्सीन इंसानों की इम्यूनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता को कोरोना से लड़ने के लिए प्रशिक्षित करेगी। तीसरे चरण में अमेरिकी कंपनी 30 हजार लोगों को यह वैक्‍सीन दी जाएगी। इस दौरान यह देखा जाएगा कि क्‍या यह वैक्‍सीन लक्षणों पर आधारित कोरोना वायरस को रोकने में कारगर है या नहीं। साथ ही यह देखा जाएगा कि क्‍या यह वैक्‍सीन गंभीर मरीजों को ठीक करने में प्रभावी है या नहीं। मॉडर्ना ने कहा कि वह वर्ष 2021 तक हर साल एक अरब वैक्‍सीन बनाने के लिए तैयारी कर चुकी है।

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वैक्‍सीन 300 रुपये में होगी उपलब्ध

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह वैक्‍सीन कारगर पाई गई तो इसे करीब 300 रुपये में उपलब्‍ध करा दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि पहले चरण में 120 लोगों को यह टीका दिया जाएगा। इस वैक्‍सीन के प्रभारी प्रफेसर रॉबिन शटॉक ने कहा कि उनकी टीम इस टीके को बेहद सस्‍ता रखने की कोशिश कर रही है ताकि बेहद कम दाम पर ब्रिटेन की पूरी आबादी को टीका लगाया जा सके।

ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्‍सीन सितंबर तक आने की उम्मीद

अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो दूसरे चरण में 6000 लोगों को यह टीका लगाया जाएगा। हालांकि प्रफेसर रॉबिन ने स्‍पष्‍ट किया कि अगर सबकुछ तय योजना के मुताबिक चलता रहा तो यह वैक्‍सीन वर्ष 2021 के पहले नहीं आ पाएगी। उधर, ब्रितानी सरकार को उम्‍मीद है कि ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्‍सीन इस साल सितंबर महीने तक तैयार हो जाएगी।

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चीन की वैक्‍सीन का पॉजिटिव रिजल्‍ट आया

चीन की एक कंपनी ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के इंसानों पर ट्रायल से मिले डेटा को पॉजिटिव बताया है। पेइचिंग की Sinovac Biotech Ltd का कहना है कि उसकी वैक्सीन सुरक्षित है और इम्यून रिस्पॉन्स शुरू करने में सफल है। CoronaVac नाम की इस वैक्सीन ने ट्रायल में हिस्सा लेने वालों में दो हफ्ते बाद वायरस को न्यूट्रलाइज करने वाली ऐंटीबॉडीज बनाना शुरू कर दिया। अच्छी बात यह है कि किसी में भी साइड इफेक्ट्स नहीं देखे गए हैं।

वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है और इम्यून रिस्पॉन्स पैदा कर रही है

ट्रायल ईस्टर्न चाइना के जिंग्यासू प्रोविंशल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेन्शन में किया गया। अब तक यहां 18-59 की उम्र के 743 स्वस्थ लोगों को शेड्यूल पर शॉट्स या प्लसीबो दिया जा चुका है। इसमें से 143 वॉलंटिअर पहले चरण में हिस्सा ले रहे हैं जिनमें वैक्सीन की सुरक्षा जांची जा रही है। इसमें वायरस के डेड स्ट्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। करीब 90 प्रतिशत लोगों में इस वैक्‍सीन के पॉजिटिव परिणाम आए हैं। Sinovac के CEO वेइडॉन्ग यिन ने बताया कि पहले-दूसरे चरण में वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है और इम्यून रिस्पॉन्स पैदा कर रही है।

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