ये क्या! बाज़ार में नया फीमेल वायाग्रा आते ही मच गया हंगामा, लेकिन क्यों?

अमेरिकी महिलाओं में सैक्सुअल इच्छा का न होना गंभीर समस्या बन गया है। इस समस्या को दूर करने के लिए बाजार में कई तरह की दवाएं पहले से ही मौजूद है।

Update: 2019-07-21 14:29 GMT

लखनऊ: अमेरिकी महिलाओं में सैक्सुअल इच्छा का न होना गंभीर समस्या बन गया है। इस समस्या को दूर करने के लिए बाजार में कई तरह की दवाएं पहले से ही मौजूद है।

फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने बीते 21 जून को एक नई दवा के इस्तेमाल को मंज़ूरी दी है। इस दवा का नाम है- ब्रेमेलानोटाइड' (फ़ीमेल वायाग्रा)।

लेकिन व्यावसायिक तौर पर यह वायलेसी के नाम पर बाजार में उपलब्ध होगा। इस दवा को मंजूरी मिलने के बाद से ही बवाल मच गया है।

दवा बनाने वाली कम्पनी का दावा है कि इसके उपयोग से महिलाओं की सैक्सुअल इच्छा में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं लोग अब इस दवा के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को लेकर सवाल पूछने लगे है।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस दवा को खासकर ऐसी महिलाओं को केंद्र में रखकर तैयार की गई है जिनको पीरियड संबंधी दिक्कतें है और उसका कोई लक्षण प्रतीत नहीं होता। जबकि वे पहले से ही हाइपो-एक्टिव सेक्शुअल डिज़ायर डिसऑर्डर (एचएसडीडी, यानी महिलाओं की सेक्स में दिलचस्पी में कमी) से ग्रस्त हैं।

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क्या है एचएसडीडी

डॉक्टरों के मुताबिक जब शारीरिक संबंध बनाने में रूचि नियमित रूप से घट जाती है। तब एचएसडीडी की नौबत तब आती है। या यू कहे कि उस स्त्री को एचएसडीडी डिसऑर्डर(एचएसडीडी, यानी महिलाओं की सेक्स में दिलचस्पी में कमी) है। जानकारी के अनुसार अमेरिका में मां बनने की क्षमता रखने वाली महिलाओं में 6 से 10 प्रतिशत महिलाएं इसकी चपेट में हैं।

2016 के एक अध्ययन के मुताबिक़, अमरीका की प्रत्येक 10 महिलाओं में एक एचएसडीडी की चपेट में है, लेकिन ज़्यादातर महिलाएं इसका इलाज़ नहीं कराती हैं।

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क्या है विवाद

एमैग फर्मास्यूटिकल्स ने कहा है कि वायलेसी के ट्रायल के दौरान 40 प्रतिशत लोगों को उल्टी हुई है। जबकि कुछ महिलाओं ने गर्मी लगने और तेज सिर सिर दर्द की की समस्या बताई है।

एफ़डीए ने इस दवा को एचएसडीडी से ग्रस्त महिलाओं के इलाज के विकल्प के तौर पर मंज़ूरी दी है। एफ़डीए का कहना है, "वैसी वजहें जिसका पता अभी तक नहीं चल पाया है, उसके चलते भी महिलाओं की यौन इच्छाएं कम हो जाती हैं, यह घबराहट से भी हो सकती है।

लेकिन अब इन महिलाओं के लिए सुरक्षित और प्रभावी इलाज है। इस मंज़ूरी के साथ महिलाओं के पास इलाज के लिए एक और विकल्प मिल गया है।"

वायलेसी का असर दिमाग पर यौन इच्छा या घबराहट को लेकर किस तरह होता है, इसके बारे में एफ़डीए ने कहा है कि 'यह स्पष्ट नहीं है।'

वैसे लोगों की तरफ से इस बात पर भी बहस हो रही है कि क्या एचएसडीडी का इलाज दवाओं से होना चाहिए? मेडिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यौन इच्छा की कमी किसी बाहरी या फिर मनोवैज्ञानिक कारणों से भी हो सकती है।

एचएसडीडी को लेकर बने एफ़डीए के लेटेस्ट पैनल में शामिल डॉक्टर स्प्राउट फर्मास्यूटिकल्स से भी जुड़े हुए हैं, इस बात की काफ़ी आलोचना हो रही है।

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