पहलवान को हुई फांसी: दुनिया ने जताई नाराजगी, इस देश पर लगाया बड़ा आरोप

ईरान में एक पहलवान को हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुना दी गई। अब 27 वर्षीय पहलवान को फांसी की सजा सुनाए जाने पर दुनियाभर में ईरान सरकार की आलोचना हो रही है।

Update:2020-09-13 11:50 IST

तेहरान: ईरान में एक पहलवान को हत्या के आरोप में फांसी की सजा दे दी गई। अब 27 वर्षीय पहलवान को फांसी की सजा दिए जाने पर दुनियाभर में ईरान सरकार की आलोचना हो रही है। यहां तक इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भी निंदा की है। जानकारी के मुताबिक, पहलवान पर आरोप है कि उसने साल 2018 में सरकार के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान होसिन टोर्कमैन नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी।

इस पहलवान का नाम नवीद अफकारी है, जिसे ईरान की कोर्ट ने हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई दी गई। नवीद दक्षिणी शहर शिराज की फांसी की सजा दी गई। इरानी मीडिया की ओर से यह जानकारी स्टेट प्रॉसीक्यूटर जनरल काजम मौसवी के हवाले से दी गई है।

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होसिन टोर्कमैन की हत्या के लिए दोषी करार

कोर्ट ने नवीद अफकारी को अगस्त 2018 को होसिन टोर्कमैन की हत्या के लिए दोषी करार दिया। बता दें कि साल 2018 में शिराज और ईरान के कई अन्य शहरी केंद्रों में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे। वहीं पहलवान को फांसी की सजा सुनाए जाने पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कहा कि यह हैरान और परेशान कर देने वाली बात है। हम नवीद अफकारी के परिवार और दोस्तों के साथ हैं।

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Wrestler naveed को दी गई फांसी (फोटो- सोशल मीडिया)

चोरी छिपे फांसी देना न्याय की भयावह त्रासदी

वहीं लंदन स्थित राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि यूं चोरी छिपे फांसी देना न्याय की भयावह त्रासदी है। इसे लेकर तत्काल तर्राष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नवीद अफकारी को टीवी पर प्रसारित बयानों के आधार पर दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद उसकी रिहाई के लिए ऑनलाइन अभियान शुरू हो गए थे।

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अफकारी के दो भाई अभी भी जेल में बंद

राइट्स ग्रुप एमनेस्टी ने कई बार ईरान को संदिग्धों द्वारा स्वीकारोक्ति वीडियो प्रसारित करने से रोकने के लिए कहा है। एमनेस्टी का कहना है कि वे प्रतिवादियों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। वहीं न्यायपालिका ने आरोपों को खारिज कर दिया है। एमनेस्टी के मुताबिक, नवीद अफकारी के दो भाई वाहिद और हबीब अभी भी उसी जेल में बंद हैं, दोनों को हिरासत में लिया गया था। पीड़ित परिवार की जिद पर मौत की सजा सुनाई गई थी।

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