Yahya Sinwar: याह्या सिनवार बना हमास का नया चीफ, जेल में बीती है आधी जिंदगी, इजराइल पर हमले का मास्टरमाइंड

Yahya Sinwar: सिनवार का जन्म 1962 में दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था। हमास की स्थापना 1987 में हुई थी और सिनवार उस समय से इस संगठन से जुड़ा हुआ है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-08-07 13:40 IST

Yahya Sinwar  (photo: social media )

Yahya Sinwar: हमास के चीफ इस्माइल हानिया की तेहरान में हुई हत्या के बाद हमास ने अपना नया चीफ चुन लिया है। याह्या इब्राहिम हसन सिनवार को हमास चीफ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हमास ने मंगलवार को इस्माइल हानिया की जगह सिनवार को अपने पॉलिटिकल विंग का नया चीफ नियुक्त किया।

सिनवार को पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर किए गए हमले का मुख्य मास्टरमाइंड माना जाता रहा है। इस हमले में 1200 इजरायलियों की जान गई थी और हमास ने करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था। सिनवार की नियुक्ति के बाद हमास की ओर से जारी बयान में उसे बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की जानकारी दी गई है।

23 साल इजराइल में रहा कैद

सिनवार का जन्म 1962 में दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था। हमास की स्थापना 1987 में हुई थी और सिनवार उस समय से इस संगठन से जुड़ा हुआ है। उल्लेखनीय बात यह है कि उस वर्ष इजराइल ने उसे गिरफ्तार करते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

उस पर दो इजरायली सैनिकों की हत्या और चार फलस्तीनियों के अपहरण के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद वह इजराइल की जेलों में करीब 23 सालों तक बंद रहा।


इस तरह हुई थी सिनवार की रिहाई

23 साल तक जेल में रहने के बाद 2011 में उसकी रिहाई हुई थी। उसे कैदी विनिमय सौदे के तहत रिहा किया गया था। उसे इजरायली सैनिक गिलाद शालिट की रिहाई के बदले रिहा किया गया था। 2012 में सिनवार को हमास के राजनीतिक ब्यूरो में चुना गया और उसे कस्साम ब्रिगेड के साथ समन्वय का काम सौंपा गया। अब उसे पॉलिटिकल विंग का नया चीफ नियुक्त करते हुए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।


काफी क्रूर माना जाता है सिनवार

हमास के नए चीफ सिनवार को काफी क्रूर व्यक्ति माना जाता रहा है। उसे फिलिस्तीन के ओसामा बिन लादेन की संज्ञा भी दी जाती रही है। उसकी क्रूरता की कई कहानियां सुनाई जाती हैं। एक बार इजराइल के लिए जासूसी करने के शक में उसने एक शख्स को उसके भाई के हाथों ही जिंदा दफन करवा दिया था। 2015 में उसके आदेश पर एक हमास कमांडर की टॉर्चर करने के बाद हत्या कर दी गई थी।

उसके बारे में कहा जाता है कि इजराइल को किसी भी प्रकार की मदद करने वाले किसी भी फिलीस्तीन को वह कभी जिंदा नहीं छोड़ता। किसी भी शख्स के ना कहने पर भी वह उसकी जान ले लेता है और उसे कसाई की संज्ञा दी जाती रही है।

2014 में सिनवार की मौत की भी खबर उड़ी थी। हालांकि बाद में यह खबर अफवाह साबित हुई। अमेरिका ने 2015 में सिनवार को आतंकवादी घोषित किया था। इसके बाद 2017 में सिनवार को हमास के पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाया गया था।


इजराइल से और तीखी हो सकती है जंग

इस्माइल हानिया के हत्या के बाद हमास और ईरान की ओर से इजराइल से बदला लेने की धमकी दी गई है। ईरान और हमास का आरोप है कि इजराइल ने ही साजिश रच कर हानिया की हत्या की है। हालांकि इजराइल ने अभी तक हानिया की हत्या को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। इजराइल ने इस हत्या की जिम्मेदारी भी नहीं ली है। वैसे माना जा रहा है कि सिनवार की नियुक्ति के बाद इजराइल से जंग और तीखी हो सकती है।



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