महातबाही से कांपी दुनिया: 18 महीनों का अंधकार युग, 2020 से भी भयानक साल

साल 2020 सबसे बुरा साल नहीं था, बल्कि एक साल ऐसा भी था, जब पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ था। जोकि इससे भी भयावह था। इस बारे में इतिहासकारों और शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि अबतक का सबसे बुरा साल 536 ईस्वी था।

Update:2021-01-20 19:14 IST
साल 2020 में बहुत कुछ ऐसा हुआ, जिसकी लोगों ने कल्पना तक नहीं की थी। एक तरफ कोरोना, तो दूसरी तरह आतकंवाद, इधर चीन, तो उधर युद्ध से मचती तबाही।

नई दिल्ली: साल 2020 के जल्दी से खत्म होने का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। अब बीता बुरा साल विदा भी हो चुका है, नए साल का खुशियों से स्वागत भी किया गया। लेकिन 2020 को लेकर लोगों के मन में कई बुरे अनुभव इकट्ठा होकर बैठे हुए हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि उन्होंने साल 2020 जितना बुरा साल कभी नहीं देखा। लेकिन ये पूरा सच नहीं है। बीते साल कोरोना की वजह से पूरी दुनिया पर कहर बरपा ये तो सभी जानते हैं।

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पूरी दुनिया में हाहाकार

महामारी के अलावा भी साल 2020 में बहुत कुछ ऐसा हुआ, जिसकी लोगों ने कल्पना तक नहीं की थी। एक तरफ कोरोना, तो दूसरी तरह आतकंवाद, इधर चीन, तो उधर युद्ध से मचती तबाही। बीते साल लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई। लाखों परिवारों को भुखमरी, बेरोजगारी और आफत का सामना करना पड़ा।

ऐसे में दुनिया को लगा कि ये तो अब तक का सबसे बुरा साल था, जो बहुत मुश्किल से बीता है। पर इस बारे में शोधकर्ताओं ने बताया है कि साल 2020 सबसे बुरा साल नहीं था, बल्कि एक साल ऐसा भी था, जब पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ था। जोकि इससे भी भयावह था।

फोटो-सोशल मीडिया

इस बारे में इतिहासकारों और शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि अबतक का सबसे बुरा साल 536 ईस्वी था। 1484 साल पहले सन 536 में पूरी दुनिया अंधकार में डूबी थी। उस साल पूरे 18 महीने तक धरती अंधकार में डूबी हुई थी। एक अजीब सी धुंध ने पूरे यूरोप, मिडिल ईस्ट एशिया और एशिया के अन्य हिस्सों में छाई हुई थी। दिन होता तो था, लेकिन सूरज के दर्शन नहीं होते थे।

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फोटो-सोशल मीडिय

इतनी बड़ी तबाही के पीछे कुछ बेहद खास वजह

बताते हैं कि 536 ईस्वी का दौर इतना भयानक था कि दिन में भी लोग अपनी परछाई तक नहीं देख पा रहे थे। उस दौरान तापमान बहुत गिर गया था। एक साथ सबकुछ जम रहा था। फसलें बढ़ नहीं रही थी और लोग भूखे मर रहे थे। इतिहास के इन 18 महीनों को डार्क ऐज यानि अंधकार युग कहा जाता था। दरअसल इतनी बड़ी तबाही के पीछे कुछ बेहद खास वजहें थी।

इस बारे में शोधकर्ताओं ने हाल ही में पता लगाने में सफलता हासिल की है। असल में उस अंधकार युग की मुख्य वजह आईसलैंड में उस साल एक ज्वालामुखी फटा था।

ऐसे में हिस्ट्री डॉट कॉम की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ज्वालामुखी के लावे कुछ इस से फैले कि मकर रेखा के उत्तर का अधिकांश इलाका धुएं से भर गया और करीब इन 18 महीनों में लाखों लोग काल के मुंह में समा गए।

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