ये क्या? अब कानूनी दांव-पेच पर उतरा जाकिर नाइक, कई नेताओं को भेजा नोटिस

देश भर में उसके ख़िलाफ़ 115 पुलिस रिपोर्ट दर्ज हो चुकी हैं। पहले भी नाइक के कथित तौर पर दिए एक बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था।

Update: 2019-08-19 12:24 GMT

नई दिल्ली: मलेशिया में रह रहे विवादास्पद इस्लामिक धर्मप्रचारक डॉ जाकिर नाइक की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

नस्लीय तनाव को उकसाने के आरोप में नाइक के सार्वजनिक रूप से बोलने और उपदेश देने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

ये रोक मलेशिया के दो राज्यों मलक्का और केदाह में लगाई गई है।

छीन सकता है परमानेंट रेज़िडेंट का दर्जा

वहीं मलेशिया के पीएम महातिर मुहम्मद तीन दिन पहले दिए गए अपने बयान में ये बात कह चुके हैं कि अगर यह साबित हो गया कि नाइक की गतिविधियां मलेशिया के लिए नुकसानदेह हैं तो उसका स्थायी निवासी (परमानेंट रेज़िडेंट) दर्जा वापस लिया जा सकता है।

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पुलिस नाइक के खिलाफ कर रही जांच

बता दें कि पुलिस द्वारा नाइक के मलेशिया के अल्पसंख्यकों के खिलाफ दिए बयान की जांच की जा रही है।

स्थानीय अखबार ‘मलय मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक नाइक ने एक लॉ फर्म के जरिए पेनांग के उपमुख्यमंत्री पी रामासामी, बगान डलाम असेंबली के सदस्य सतीस मुनिआंदी, पूर्व राजदूत दातुक डेनिस इगनेटियस और कलांग के सांसद चार्ल्स सेंटियागो के खिलाफ सोमवार को नोटिस भेजा।

इस नोटिस में कहा गया है कि ये चारों लोग समुचित मुआवजे के साथ माफ़ी मांगे अन्यथा दो दिन में अवमानना का केस झेलने के लिए तैयार रहें।

नाइक ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट

ये नोटिस लॉ फर्म अकबेरदीन एंड़ कंपनी की ओर से भेजे गए हैं।

इससे पहले नाइक ने मानव संसाधन मंत्री एम कुलासेगरन और अन्य चार के ख़िलाफ़ भी बीते शुक्रवार को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

नाइक ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि इन पांचों ने उसके 8 अगस्त को दिए बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया।

नाइक ने रामासामी, मुनिआंदी, इगनेटियस और सेंटियागो को लॉ कंपनी के जरिए नोटिस भेजे हैं उसमें उनके कुछ लेखों और प्रेस रिलीज का हवाला दिया गया है।

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नाइक के मुताबिक इऩ लेखों और प्रेस रिलीज से उसकी अवमानना हुई है।

इससे पहले पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में नाइक ने दावा किया था।

उसने तो मलेशिया की इस बात के लिए तारीफ की थी कि वो किस तरह ‘हिन्दू अल्पसंख्यकों’ के साथ व्यवहार करता है और उनके अधिकारों की रक्षा करता है।

भड़काऊ बयानबाज़ी का आरोप

उसके ऊपर अल्पसंख्यक हिन्दुओं और चीनी मूल के लोगों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाज़ी करने का आरोप है।

कर देश की शांति भंग करने की कोशिश की।

नाइक ने कहा था कि मलेशिया में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की स्थिति भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों से बेहतर है।

नाइक के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने पूर्व में मलेशिया से आग्रह किया था।

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते भारत को उसकी तलाश है।

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