Zombie Disease in Humans: 'जॉम्बी' संक्रमण भी कहीं ना बन जाये कोरोना जैसी महामारी, तुरंत करनी होगी रोकथाम

Zombie Disease in Humans: 'जॉम्बी' बीमारी को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर दी है कि हिरणों का शिकार करने वाले विशेष रूप से उसका मांस खाने वाले लोग इस संक्रमित बीमारी वाहक बन सकते हैं।

Report :  Preeti Mishra
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-04-08 13:09 IST

'जॉम्बी' संक्रमण (फोटो-सोशल मीडिया)

Zombie Disease in Humans: अभी कोरोना संक्रमण पूरी तरह से थमा नहीं की दूसरी खतरनाक संक्रमित बीमारी के फैलने का डर सताने लगा है। जी हाँ, इस नयी बीमारी का नाम है 'जॉम्बी'। बता दें कि फ़िलहाल यह बीमारी कनाडा (Canada) के हिरणों (Deer) में तेजी से फैलने वाली एक खतरनाक संक्रामक बीमारी है। राहत की बात यह है कि अभी तक इंसानों में इस संक्रमण के कोई लक्षण नहीं मिले हैं। लेकिन फिर भी इसकी गंभीरता से इंकार नहीं किया जा सकता है।

बता दें कि पशु चिकित्सकों के अनुसार 'जॉम्बी' हिरणों में पाया जाने वाला क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज (CWD) है, जो काफी ज्यादा संक्रामक है। विशेषज्ञों ने इस बीमारी की गंभीरता को समझते हुए यह चेतावनी दी है कि संक्रमित हिरणों के मांस खाने से यह "जॉम्बी बीमारी" (Zombie Disease) मनुष्यों में भी फैल सकता है।

जैसे कोरोना में यह अंदेशा जताया गया था कि उसकी शुरुआत चमगादड़ों से हुई थी। इंसानों में यह बीमारी संक्रमित चमगादड़ों के मांस खाने से फैली थी। और कोरोना के भयंकर परिणाम हम सभी भुगत ही रहे हैं। इस लिए विशेषज्ञों ने 'जॉम्बी' बीमारी को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर दी है कि हिरणों का शिकार करने वाले विशेष रूप से उसका मांस खाने वाले लोग इस संक्रमित बीमारी वाहक बन सकते हैं।

हालांकि, अभी तक इंसानों में 'जॉम्बी' के इंफेक्शन का एक भी मामला सामने नहीं आया है। जो राहत देने वाला है। लेकिन आने वाले समय में इसकी गंभीरता से इंकार नहीं किया जा सकता है।

बता दें कि कनाडा के कम से कम दो राज्यों- अल्बर्टा और सस्केचेवान में "जॉम्बी बीमारी" (Zombie Disease) तेजी से फैल चुकी है। गौरतलब है कि साल 1960 में क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज (CWD) का पहला मामला अमेरिका में मिला था।

वहीँ साल 1996 में कनाडा में CWD का पहला मामला सस्केचेवान के एक बारहसिंघा पाले जाने वाले फार्म में मिला था जो जल्द ही जंगली हिरणों में फैल गया था। जिस इंफेक्शन को रोकने के लिए बाद में जब सभी संक्रमित जानवरों को मारने के बाद ही इस इंफेक्शन को रोका जा सका था। इसलिए इतिहास से सबक लेते हुए 'जाम्बी बीमारी ' के बढ़ते संक्रमण के रोकथाम के तुरंत उपाये करने चाहिए।

विशेषज्ञों के मुताबिक, 'जाम्बी बीमारी ' हिरणों के दिमाग, रीढ़ की हड्डी और कई कोशिकाओं पर सीधा अटैक करता है। इतना ही नहीं दिमाग पर अटैक होने के कारण हिरण अपना दिमागी संतुलन खोकर बेहद गुस्सैल हो जाते हैं। इसके अलावा इस वायरस से संक्रमित होने पर उनका वजन भी अचानक कम होने लगता है जो अंत में उनके मौत का कारण बन जाता है। कनाडा के दोनों राज्यों अल्बर्टा और सस्केचेवान में 'जाम्बी बीमारी ' (CWD) को महामारी घोषित किया गया है। बता दें कि इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज या टीका नहीं खोजा जा सका है।

बता दें कि जाम्बी बीमारी ' (CWD) एक जानलेवा बीमारी है, जो हिरण, बारहसिंघा, सिका हिरण, मूस हिरण और हिरण की दूसरी प्रजातियो में बहुत ही तेज़ी से फैलता है। इसका अभी तक कोई इलाज या टीका नहीं है। गौरतलब है कि जानवरों के लिए यह बीमारी बेहद घातक है।

इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में जानवरों को अधिक लार आना, उनके कदमों में तालमेल की कमी, असामान्य व्यवहार, अत्यधिक पेशाब और वजन कम होना आदि हैं। आने वाले समय में यह बीमारी मनुष्यों में फैलकर कोरोना की तरह महामारी ना फैला पाये इसलिए अभी ही इसके रोकथाम के उचित उपाये करने बेहद जरुरी हैं।


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