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जम्मू-कश्मीर में लागू हुई धारा 144, 10 पॉइंट्स में जानिए पूरा मामला
जम्मू-कश्मीर में तकरीबन 270-275 आतंकी सक्रिय रूप से अपना काम कर रहे हैं, जबकि इनमें से 115 विदेशी आतंकी हैं। इस मामले में सूत्रों का कहना है कि करीब 200 आतंकी पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ करने की फिराक में हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने घाटी में 10 हजार अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में हलचल काफी तेज हो गयी है। धारा 144 राज्य में लागू हो चुकी है। इसके साथ ही, सभी दिग्गज नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। इसके अलावा, मोबाइल, इंटरनेट सेवाओं को भी जम्मू-कश्मीर में ठप कर दिया गया है। स्कूल-कॉलेज भी बंद करने के आदेश जारी कर दिये गए हैं। आमतौर पर बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक अब अचानक से सोमवार यानि आज ही होनी है।
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कयास लगाए जा रहे हैं की सुबह 9॰30 बजे प्रधानमंत्री आवास पर होने वाली कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
बता दें, इससे पूर्व गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को खुफिया एजेंसियों के चीफ और NSA अजीत डोभाल के साथ बैठक की। ऐसे में आज हम बात करेंगे जम्मू-कश्मीर के 10 अहम पहलुओं पर क्योंकि जानकारी है कि आज जम्मू-कश्मीर पर कुछ बड़ा फैसला आ सकता है।
विपक्षी दलों के नेता किए गए नजरबंद
रविवार को नैशनल कॉन्फ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी सहित क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नेताओं की श्रीनगर में मीटिंग हुई। इस दौरान यह तय किया गया कि केंद्र की मोदी सरकार मौजूदा स्थिति पर जो कुछ भी करने जा रही है, उसपर अभी किसी तरह की कोई बयानबाजी नहीं की जाएगी।
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इस मीटिंग में नैशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन, मोहम्मद युसुफ तारिगामी, शाह फैजल जैसे कुछ दिग्गज नेता शामिल थे।
इस मीटिंग को फारूक अब्दुल्ला के निवास पर किया गया। इस मीटिंग के बाद आधी रात को महबूबा, उमर समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया।
सुबह 6 बजे से राज्य में लागू है धारा 144
जम्मू-कश्मीर में आज सुबह छह बजे से धारा 144 लागू कर दी गयी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि आज कोई अहम फैसला लिया जा सकता है। इस मामले में जम्मू जिले की उपायुक्त सुषमा चौहान ने बताया कि 5 अगस्त सुबह 6 बजे से धारा 144 लागू हो जाएगी। यह अगले आदेश तक जारी रहेगी। साथ ही, राज्य में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी अगले आदेश तक ठप कर दी गयी हैं।
- क्या है धारा 144?
यह धारा शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगाई जाती है। इस धारा को लागू करने के लिए जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी करता है और जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां चार या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं।
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इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है। धारा-144 का उल्लंघन करने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है।
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उस व्यक्ति की गिरफ्तारी धारा-107 या फिर धारा-151 के अधीन की जा सकती है। इस धारा का उल्लंघन करने वाले या पालन नहीं करने के आरोपी को एक साल कैद की सजा भी हो सकती है। वैसे यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत हो जाती है।
स्कूल-कॉलेज के साथ इंटरनेट भी बंद
स्कूल-कॉलेज के साथ इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गयी हैं। अगले आदेश तक जम्मू-कश्मीर न तो स्कूल-कॉलेज खुलेंगे और न ही इंटरनेट चलेगा। बता दें, राज्य में किसी तरह की कोई दिक्कत परेशानी न हो, इसकी वजह से प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है।
जिसमें राज्य के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को एहतियातन बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। ऐसे में अब किसी भी तरह की रैली या सार्वजनिक सभा की अनुमति नहीं होगी।
आज सुबह अचानक होगी केंद्रीय कैबिनेट बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सुबह 9.30 बजे पीएम आवास पर कैबिनेट की बैठक करने वाले हैं। जानकारी के अनुसार, इस बैठक के दौरान मोदी सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर को लेकर भी कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है क्योंकि यह बैठक तब बुलाई गयी है, जब जम्मू-कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।
शीर्ष अधिकारियों के साथ अमित शाह ने की बैठक
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती हलचल के बीच अब संसद में गृह मंत्रालय ने रविवार को उच्चस्तरीय बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में की गयी इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह सचिव राजीव गाबा भी मौजूद रहे।
इनके अलावा, गृह मंत्रालय में कश्मीर मामलों के अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार के साथ भी शाह ने मीटिंग की।
राज्य में हाइ अलर्ट जारी
सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में मौजूद भारतीय सेना को ‘रेडी’ मोड में रहने को पहले से ही बोल दिया गया है। बताया जा रहा है कि, यहां सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। किसी तरह का कोई बड़ा हादसा न हो, इसके लिए सेना लगातार एयरफोर्स स्टेशनों और सिविल एयरपोर्ट पर ड्रोन्स से नजर रखे हुए है।
सामने आ रही परिसीमन की खबर
इन सबके बीच एक पार्टी ऐसी है, जो अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का परिसीमन करना चाहती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीजेपी ने प्लान तैयार कर लिया है।
अगर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का परिसीमन हो जाता है तो कश्मीर घाटी की सीटें अपने आप कम हो जाएंगी। देखने वाली बात तो ये है कि घाटी सबसे कम क्षेत्रफल के साथ अपने दामन में सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें संजोए हुई है।
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परिसीमन के बाद कश्मीर की सीटें कम हो सकती हैं। इस लिहाज से मुस्लिम ताकत कम हो जाएगी क्योंकि कश्मीर घाटी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। ऐसे में बीजेपी अपने हिंदुत्व वाले एजेंडे में कामयाब हो जाएगी। दरअसल, जम्मू हिंदू तो लद्दाख बौद्ध बाहुल्य क्षेत्र हैं। इस तरह बीजेपी की राह आसान हो सकती है।
अनुच्छेद 35 ए और 370 को खत्म करने की कवायद हुई तेज
सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चाहती है कि कश्मीर से अनुच्छेद 35 ए और 370 खत्म हो जाये और इसका वादा भी पार्टी पहले ही कर चुकी है। अब सैनिकों की तैनाती और बीजेपी के इस वादे को जोड़कर देखा जा रहा है। इसलिए 35ए के हटाने से संबंधित चर्चा तेज हो गई है।
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15 अगस्त या उसके आसपास कोई बड़ा आतंकी हमला न हो, इसलिए इस बार गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था, जिसके अनुसार, सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां जम्मू-कश्मीर में तैनात कर दी जायेंगी। ऐसा अब देखने को भी मिल रहा है। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सेना तैनात करनी शुरू कर दी है।
- क्या कहता है संविधान का अनुच्छेद 35 ए?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 35 ए एक अनुच्छेद है जो जम्मू और कश्मीर राज्य विधानमण्डल को “स्थायी निवासी” परिभाषित करने तथा उन नागरिकों को विशेषाधिकार प्रदान करने का अधिकार देता है।
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यह भारतीय संविधान में जम्मू और कश्मीर सरकार की सहमति से राष्ट्रपति के आदेश पर जोड़ा गया, जो कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा 14 मई 1954 को जारी किया गया था। यह अनुच्छेद 370 के खण्ड (1) में उल्लेखित है।
- अनुच्छेद 370 क्या कहता है?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 एक ऐसा लेख है जो जम्मू और कश्मीर राज्य को स्वायत्तता का दर्जा देता है। संविधान के भाग XXI में लेख का मसौदा तैयार किया गया है: अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधान।
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जम्मू और कश्मीर की संविधान सभा को, इसकी स्थापना के बाद, भारतीय संविधान के उन लेखों की सिफारिश करने का अधिकार दिया गया था जिन्हें राज्य में लागू किया जाना चाहिए या अनुच्छेद 370 को पूरी तरह से निरस्त करना चाहिए।
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बाद में जम्मू-कश्मीर संविधान सभा ने राज्य के संविधान का निर्माण किया और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की सिफारिश किए बिना खुद को भंग कर दिया, इस लेख को भारतीय संविधान की एक स्थायी विशेषता माना गया।
अमरनाथ यात्रा को लेकर जारी की गयी थी एडवाइजरी
अमरनाथ यात्रा को अचानक से खत्म करने का ऐलान कर दिया गया। इसके बाद से घाटी में निवासी काफी परेशान हो गए। ऐसे में तमाम तरह की अफवाहें भी सामने आने लगी। सरकार के इस कदम पर लोग सवाल खड़े करने लगे और पूछने लगे कि आखिर ऐसा क्यों किया गया।
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कयास लगाए जा रहे हैं कि इंटेलिजेंस टीम ने बेहद अहम इनपुट्स के आधार पर ये कदम उठाया। जानकारी के अनुसार, आतंकवादी घाटी में कई आत्मघाती हमले करना चाह रहे हैं।
बता दें, आतंकियों की हलचल सीमा पार भी देखी गयी है। ऐसी स्थिति में इंटेलिजेंस द्वारा यह कदम उठाया गया। सूत्रों के अनुसार, पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर का बड़ा भाई नजर आया है।
115 विदेशी आतंकी घाटी में छुपे हैं
मिली जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में तकरीबन 270-275 आतंकी सक्रिय रूप से अपना काम कर रहे हैं, जबकि इनमें से 115 विदेशी आतंकी हैं। इस मामले में सूत्रों का कहना है कि करीब 200 आतंकी पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ करने की फिराक में हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने घाटी में 10 हजार अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है।