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विरोध प्रदर्शन: खट्टर और कैप्टन में जुबानी जंग तेज, दिल्ली कूच कर रहे किसान
किसान बिल के विरोध में देशभर में किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है जिसको देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा को बढ़ाया गया है और पंजाब बॉर्डर पर एक्शन लिया जा रहा है।
नई दिल्ली: देश केंद्र सरकार ने पार्लियामेंट में सितम्बर महीने में किसानों को लेकर तीन बिल किये गए। अब यह तीनों बिल कानून बन चुके हैं। इन बिलों के विरोध में तमाम अपोज़ीशन पार्टियां और किसान विरोध कर रहे हैं। साथ ही पंजाब में किसानों द्वारा रेल रोको आंदोलन चलाया गया। कृषि बिल के विरोध में आज पंजाब-हरियाणा के किसान दिल्ली का कूच कर रहे हैं।
किसानों के प्रदर्शन के कारण मेट्रो बंद
किसान बिल के विरोध में देशभर में किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है जिसको देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा को बढ़ाया गया है और पंजाब बॉर्डर पर एक्शन लिया जा रहा है। किसानों पर पानी की बौछार की जा रही है, आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। किसानों के प्रदर्शन के कारण मेट्रो को भी बंद रखा गया है।
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करनाल में आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर करनाल में आंसू गैस के गोले बरसाए जा रहे हैं।
खट्टर पर कैप्टन का पलटवार
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पटलवार किया है। कैप्टन ने कहा कि किसानों पर आपकी प्रतिक्रिया चौंकाने वाली है। ये किसान हैं, जिन्हें एमएसपी पर आश्वत होना है, मुझे नहीं। किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन से पहले आपको उनसे बात करनी चाहिए थी। अगर आपको लगता है कि मैं किसानों को उकसा रहा हूं तो हरियाणा के किसान भी दिल्ली क्यों मार्च कर रहे हैं?
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पीएम से मिलकर प्रेशर बनाए कैप्टनः प्रकाश सिंह बादल
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि कैप्टन को वहां जाकर आंदोलन करने की जरूरत है, लेकिन वो चुप होकर बैठे हैं और पानी की बौछारों का सामना करने के लिए किसानों को सड़कों पर लगा दिया है। उन्हें पीएम और कृषि मंत्री के साथ मिलकर प्रेशर बनाना चाहिए।
किसानों को हमारा पूरा सहयोग है। उनके मन में एक बात है जिसके चलते वो पॉलिटिकल झंडे के नीचे कैंपेन शुरू नहीं करना चाहते। इस वक्त सभी पार्टियों के किसान इकट्ठा हैं। हमारी पार्टी को जैसा आदेश दिया जाएगा हम उसका पालन करेंगे
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खट्टर और कैप्टन में जुबानी जंग तेज
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच किसनों के मुद्दों को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट करके कहा है कि एमएसपी को लेकर किसी तरह की परेशानी किसानों को झेलनी पड़ेगी तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
सोनीपत-पानीपत हलदाना बॉर्डर पर भारी पुलिसबल
सोनीपत-पानीपत हलदाना बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है। जीटी रोड पर मिट्टी और पत्थर डालकर मार्ग को अवरुद्ध किया गया है। एडीजीपी संदीप खिरवार खुद यहां मोर्चा संभाल रहे हैं। कई आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर जाम से परेशान हुए लोग
किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली में जाम की स्थिति आ गई है। दिल्ली पुलिस अब बॉर्डर पर वाहनों की चेकिंग कर रही है, ताकि किसान दिल्ली में ना जा सकें। लंबे जाम के कारण कई लोगों को पैदल ही सफर करना पड़ रहा है। सिंधु बॉर्डर पर लंबा जाम होने के कारण पुलिस ने अब एक लेन पर बैरिकेड हटाया है।
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किसानों और पुलिस में तनाव जारी
किसानों के द्वारा अब हरियाणा-पंजाब के दातासिंह वाला बॉर्डर पर जबरदस्ती की गई है। यहां प्रदर्शनकारी जबरदस्ती हरियाणा में घुस आए हैं।
नहीं हुआ है अभी सवेरा,
पूरब की लाली पहचान
चिड़ियों के जगने से पहले,
खाट छोड़ उठ गया किसान
काले क़ानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़,
अन्याय की बिजली चमकती चम-चम
मूसलाधार बरसता पानी,
ज़रा ना रुकता लेता दम!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 26, 2020
राहुल गांधी और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों पर लाठी चार्ज की निंदा की
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा में पुलिस द्वारा किसानों पर किए गए लाठीचार्ज की निंदा की है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर किसानों पर हुए एक्शन की निंदा की और लिखा कि-
नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान चिड़ियों के जगने से पहले, खाट छोड़ उठ गया किसान काले क़ानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़, अन्याय की बिजली चमकती चम-चम मूसलाधार बरसता पानी, ज़रा ना रुकता लेता दम! मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है।
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पुलिस कमिश्नर ने कहा भीड़ जमा करने की इजाजत नहीं
किसानों के प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एस।एन श्रीवास्तव ने बयान दिया है कि गाइडलाइन्स के मुताबिक किसी भी गैदरिंग की इजाजत नहीं है। ऐसे में हमने बॉर्डर पर पुख्ता तैयारी की है। हमारी अपील है कि कोई भी नियमों का उल्लंघन ना करे।
अब अगले आदेश तक बंद रहेगी मेट्रो
दिल्ली मेट्रो के जिन सेक्शन को दोपहर दो बजे तक बंद किया गया था, अब किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए इसे बढ़ा दिया गया है। अब अगले आदेश तक ये सभी लाइनें बंद रहेंगी। दिल्ली से गुरुग्राम, दिल्ली से नोएडा की मेट्रो अभी नहीं चल रही है।
हिरासत में योगेंद्र यादव
किसानों का प्रदर्शन कई जगह आक्रामक हो रहा है। गुरुग्राम में प्रदर्शन कर रहे योगेंद्र यादव और अन्य किसानों को हिरासत में लिया गया है। बिलासपुर थानाक्षेत्र में ट्रैक्टर पर सवार होकर योगेंद्र यादव दिल्ली की ओर जाने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
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किसानों के समर्थन में प्रियंका का ट्वीट
किसानों के प्रदर्शन पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर लिखा कि किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।
किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 26, 2020
पुलिस और किसानों में ठनी
अंबाला पटियाला बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने कुछ ट्रकों को खड़ा किया है, ताकि किसान आगे ना आ सके। लेकिन अब किसानों ने उसी ट्रक को तोड़ना शुरू कर दिया और धक्का देकर आगे किया जा रहा है। जिसके बाद पुलिस ने फिर आंसू गैस के गोले छोड़े हैं और पानी की बौछार की जा रही है। किसानों की ओर से पुलिस पर पथराव किया गया है।
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किसानों पर लाठीचार्ज
अंबाला पटियाला बॉर्डर पर किसानों और पुलिस में टकराव जारी है। किसानों ने जबरन हरियाणा सीमा में प्रवेश कर लिया है, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। किसान अब अपने ट्रैक्टर पर चढ़कर जबरन आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं और लगातार नारेबाजी कर रहे हैं।
किसानों पर एक्शन जारी
पटियाला-अंबाला हाइवे पर किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया जा रहा है, साथ ही किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। यहां किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और अब किसानों ने बैरिकेडिंग को ही नदी में फेंक दिया है। बिगड़ती हुई स्थिति के बीच RAF को बुलाया गया और अब एक्शन लिया जा रहा है। बंगाल में ट्रेड यूनियन का भी लगातार प्रदर्शन जारी है।
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केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 26, 2020
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हाइवे बंद होने से लोगों को मुश्किल
किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस मुस्तैद है। दिल्ली से जम्मू जाने वाले हाइवे को करनाल के पास बंद किया गया है, जिसके कारण लोगों को परेशानी हो रही है।
हाइवे बंद होने से लोगों को मुश्किल
किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस मुस्तैद है। दिल्ली से जम्मू जाने वाले हाइवे को करनाल के पास बंद किया गया है, जिसके कारण लोगों को परेशानी हो रही है।
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किसानों के समर्थन में केजरीवाल का ट्वीट
किसानों के प्रदर्शन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है। केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल गलत है, शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।
क्या है यह कृषि बिल?
पहला बिल कृषक उपज ब्यापार और वाणिज्यव (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 है जो एक ऐसा क़ानून होगा जिसके तहत किसानों और व्यापारियों को एपीएमसी की मंडी से बाहर फ़सल बेचने की आज़ादी होगी। दूसरा बिल कृषक (सशक्तिोकरण व संरक्षण) क़ीमत आश्वाीसन और कृषि सेवा पर क़रार विधेयक, 2020 है।
पहला बिला
केंद्र सरकार ने इस बिल में किसानों को अपनी फसल मुल्क में कहीं बेचने के लिए अज़ाद किया है। साथ ही एक राज्य के दूसरे राज्य के बीच कारोबार बढ़ाने की बात भी कही गई है। इसके अलावा मार्केटिंग और ट्रांस्पोर्टिशन पर भी खर्च कम करने की बात कही गई है।
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दूसरा बिल
इस बिल में सरकार ने कृषि करारों पर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का प्रोविज़न किया गया है। यह बिल कृषि पैदावारों की बिक्री, फार्म सर्विसेज़, कृषि बिजनेस फर्मों, प्रोसेसर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और एक्सपोर्टर्स के साथ किसानों को जुड़ने के लिए मजबूत करता है। कांट्रेक्टेड किसानों को क्वॉलिटी वाले बीज की सप्लाई यकीनी करना, तकनीकी मदद और फसल की निगरानी, कर्ज की सहूलत और फसल बीमा की सहूलत मुहैया कराई गई है।
तीसरा बिल
इस बिल में अनाज, दाल, तिलहन, खाने वाला तेल, आलू-प्यालज को जरूरी चीजो की फहरिस्त से हटाने का प्रोविजन है। माना जा रहा है कि बिल के प्रोविज़न से किसानों को सही कीमत मिल सकेगी क्योंकि बाजार में मुकाबला बढ़ेगा।
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