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दोस्तों की धोखेबाजी: अपने ही यार को दी दर्दनाक मौत, देख कांप उठे लोग

उत्तर प्रदेश के कानपुर में थाना बर्रा के अंतर्गत लैबटेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण के 31 दिन के बाद पुलिस देर रात खुलासा कर पाई है लेकिन खुलासे से पहले ही आरोपियों दोस्तों ने संजीत यादव को मौत के घाट उतार दिया था।

Newstrack
Published on: 24 July 2020 10:50 AM IST
दोस्तों की धोखेबाजी: अपने ही यार को दी दर्दनाक मौत, देख कांप उठे लोग
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कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में थाना बर्रा के अंतर्गत लैबटेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण के 31 दिन के बाद पुलिस देर रात खुलासा कर पाई है लेकिन खुलासे से पहले ही आरोपियों दोस्तों ने संजीत यादव को मौत के घाट उतार दिया था। संजीत यादव अपहरण कांड को लेकर पुलिस ने चार आरोपियों दोस्तों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ कर रही है।लेकिन वही परिजन पुलिस को दोषी ठहरा रहे हैं और परिजनों का कहना है कि इस घटनाक्रम में जितने दोषी अपहरणकर्ता का उतना ही दोष पुलिस वालों का भी है इसलिए सजा बराबर से मिलनी चाहिए।

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दोस्तों ने किया दगा -

लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण में उसके दोस्तों ने ही उसे दगा दे दिया था और 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने लैब टेक्नीशियन संजीत को अपने दोस्त ईशू यादव के रतनलाल नगर के कमरे में ले गया और बंधक बना लिया।चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देता रहा।

26 जून को कुलदीप ने दोस्त ईशू,रामबाबू और एक अन्य के साथ मिल कर संजीत की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को कार में रखकर पांडु नदी में फेंक दिया था।और तीन दिन बाद संजीत के पिता को फोन कर फिरौती मांगी।

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परिजनों ने पुलिस के कहने पर मकान, जेवर बेचकर 30 लाख की व्यवस्था की और 13 जुलाई को अपहर्ताओं को सौंप दिए लेकिन पुलिस उन्हें नहीं पकड़ पाई और वे भाग गए।

वॉइस चेंजर का क्या इस्तेमाल -

पुलिस की अब तक की पड़ताल में यह बात साफ हो गई है कि अपहर्ताओं ने फिरौती मांगने के लिए संजीत के परिजनों को चाइनीज मोबाइल से फोन किया था।

यह एक ऐसा हैंडसेट था जिसमें वाइस चेंजर एप पहले से मौजूद था और अपहरणकर्ताओं ने चाइनीज मोबाइल पर इस एप का इस्तेमाल किया था।जिसके चलते उनकी आवाज बदली हुई भारी आ रही थी।

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सचेंडी से खरीदी थी सिम -

अपहरणकर्ता दोस्त बेहद चालाक थे और उन्होंने सारी तैयारियां पहले से कर रखी थी और फर्जी नाम पर सचेंडी से प्री एक्टिवेटेड सिम खरीदा था।यह फर्जी आईडी पर जारी किया गया था।

पुलिस ने सिम को बेचने वालों को भी दबोच लिया है और उनसे पूछताछ जारी है।अपहर्ताओं ने उस सिम का इस्तेमाल सिर्फ फिरौती मांगने के लिए किया।उसके बाद उस मोबाइल और सिम से कहीं भी कॉल नहीं की गई।

पांडु नदी में तलाशी अभियान -

लैब टेक्नीशियन संजीत यादव को मर कर पांडु नदी में फेंकने की बात कबूल चुके उसके आरोपी दोस्तों की निशानदेही पर पुलिस ने देर रात से ही पांडु नदी में संजीत यादव के शव को तोड़ने का अभियान शुरू कर दिया है।

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परिजनों से नहीं मिला पाया आंखें -

बर्रा में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की हत्या की जानकारी होने के बाद पुलिस की एक टीम संजीत यादव के घर पर पहुंची और घटना के बारे में जानकारी देना चाहती थी लेकिन उससे पहले ही घर में एक तरफ से सभी ने सवाल पूछना शुरू कर दिए और उनके सवालों का कोई जवाब पुलिस के पास नहीं था।

जिसके चलते पुलिस परिजनों से आंखें भी नहीं मिला पा रही थी और दबी जुबान में दोस्तों के द्वारा संजीत यादव की हत्या की जानकारी परिजनों को दी संजीत की हत्या की जानकारी होते ही घर में कोहराम मच गया और बहन गश खाकर गिर पड़ी पहले परिजनों को पुलिस की बात पर भरोसा नहीं हो रहा था।

लेकिन फिर पुलिस ने आमना सामना कराने की बात कही तो बेबस पिता भी गुमसुम होकर बैठ गया।लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में कहीं ना कहीं साफ तौर पर पुलिस की आंखों में शर्मिंदगी दिख रही थी और वह परिजनों से आंखें नहीं मिला पा रहे थे।

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बहन बरसी पुलिस पर -

लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की बहन रुचि ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि अभी भी पुलिस छुपा रही है पर मुझे पता है कि मेरा भाई हम सब को छोड़ कर चला गया है और पुलिस अभी भी मुंह चुरा रही है और आंखें भी कैसे मिलाए पुलिस ने ऐसा काम ही किया है।

रुचि ने कहा कि उसके भाई के असली हत्यारे पुलिस वाले हैं जिसमें सबसे बड़ा हत्यारा इंस्पेक्टर रंजीत राय वह चौकी इंचार्ज हैं। उसने कहा कि इन दोनों पुलिसवालों को जेल भेजा जाए।

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क्या बोले एसएसपी -

घटना को लेकर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि थाना बर्रा के अंतर्गत लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की गुमशुदगी को लेकर मुकदमा पंजीकृत हुआ था। इसी दौरान 29 जून को फिरौती की कॉल संजीत यादव के परिजनों को आई थी पुलिस के द्वारा उसकी तलाश के लिए एक टीम गठित की गई थी।

उसी क्रम में बृहस्पतिवार को संजीत यादव के दो दोस्तों को हिरासत में लिया गया था।कड़ी पूछताछ के बाद दोनों ही दोस्तों ने इस बात को कबूला है कि अन्य दो साथियों के साथ मिलकर 26 व 27 की मध्य रात्रि को ही संजीत यादव की गला दबाकर हत्या कर दी थी और उसके बाद उसके शव को पांडु नदी में फेंक दिया था।

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रिपोर्ट- अवनीश कुमार

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