ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल में 14 मरीजों की मौत, प्रशासन बता रहा झूठ

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर के एक सरकारी अस्पताल में 14 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत से हड़कंप मच गया।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-05-02 14:15 IST

कोरोना मरीज(फोटो-सोशल मीडिया)

अनंतपुर: आंध्र प्रदेश में मौतों से हाहाकार मचा हुआ है। एक सरकारी अस्पताल में बीते दिन शनिवार को 14 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत से हड़कंप मच गया। ऐसे में बताया जा रहा है कि मरीजों की मौतें ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई हैं। जिसे प्रशासन ने अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया है। 

सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों की मौत के बाद कलेक्टर ने अस्पताल का दौरा भी किया, जिसके बाद कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर अफवाह फैलाने वालों पर जांच शुरू कर की गई है।

बता दें, ये घटना अनंतपुर के सरकारी अस्पताल की है। ऐसे में यहां पहुंचे ज्वॉइंट कलेक्टर निशांत कुमार ने बताया कि "हमारी टीम ने ऑक्सीजन प्लांट की जांच की है। हमने वार्ड का दौरा भी किया और हर लाइन और वॉल्व की अच्छी तरह से जांच की। वहां कोई लीकेज नहीं है। ऑक्सीजन प्लांट का प्रेशर भी सही है। सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं है।"

ऑक्सीजन की कमी से मौते नहीं


आगे उन्होंने बताया, "आज हुई मौतों का ऑक्सीजन से कोई कनेक्शन नहीं है। आज कुल 15 मौतें हुई हैं। जितने लोगों की मौत हुई है, उनकी सभी की उम्र ज्यादा थी और उन्हें पहले से ही गंभीर बीमारियां थीं। इसलिए ये मौतें ऑक्सीजन की वजह से नहीं हुई है। हमने पर्सनली चेक किया है।

साथ ही उन्होंने कहा कि ये सही नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी से ये मौतें हुई हैं। दुर्भाग्य से ये बात सही है कि मौतों की संख्या ज्यादा है, लेकिन ये ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं है। जिन मरीजों की मौत हुई है, उनमें से ज्यादातर को डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्ल्म्स और कार्डियक अरेस्ट जैसी शिकायतें थीं।"

इस बारे में जिला कलेक्टर गंधम चंद्रूडू ने कहा कि "शनिवार सुबह एक वीडियो बनाया गया। इसके साथ जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया। मेरे पास ऐसे कई मैसेज हैं। कुछ लोगों ने जानबूझकर डर का माहौल बनाने के मकसद से ऐसा किया और इसे बड़ा इशू बनाने की कोशिश की। हमने इसकी जांच कर रहे हैं।

जिला कलेक्टर ने बताया कि जो भी इसके लिए जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 20 दिन पहले पूरे ऑक्सीजन पाइपलाइन सिस्टम की जांच APMSIDC ने की थी और इसे सही बताया था। फायर सेफ्टी की सावधानी भी बरती जा रही है।"

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