आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट की ट्विटर को कड़ी फटकार, कहा- तौर-तरीके बदलिए, वरना बैग पैक कर लीजिए
Andhra Pradesh News In Hindi: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान ट्विटर पर कड़ी फटकार लगाते हुए कहा आप भारतीय कानूनों का पालन कीजिए या अपना बैग पैक कर यहां से निकल जाइए।
Andhra Pradesh News In Hindi: सोशल मीडिया पर चल रहे कंटेंट को लेकर हमेशा से ही विवाद रहा है। कभी किसी सोशल मीडिया (Social Media) कंपनी पर यह आरोप लगाया जाता है कि वह आपत्तिजनक कंटेंट (Objectionable Content) को समय से नहीं हटाती है। तो कभी आरोप लगता है कि सोशल मीडिया कंपनी कुछ चुने हुए लोगों के कंटेंट को ही हटाती है। हाल ही में माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर (Twitter) को न्यायपालिका के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट को समय से नहीं हटाए जाने के कारण आंध्र प्रदेश की हाई कोर्ट (High Court) ने कड़ी फटकार लगाई है।
माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर को भारतीय कानून का पालन ना करने पर कड़ी चेतावनी जताते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि 'आप या तो भारतीय कानूनों का पालन करें या अपने बैग पैक कर यहां से निकल जाए।' कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से कोर्ट की अवमानना है। इस मामले को लेकर ट्विटर के खिलाफ कोर्ट कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर सकता है। इस मामले को लेकर अगली सुनवाई आंध्र प्रदेश के हाई कोर्ट में 7 फरवरी को की जाएगी।
भारतीय नियम कानूनों पालन करना जरूरी
इस मामले पर सुनवाई के दौरान सोमवार को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्र (Prashant Kumar Mishra) और न्यायमूर्ति एम सत्यनारायण मूर्ति (M Satyanarayan Murthy) की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि ट्विटर भारतीय कानून (Indian law) के साथ लुका छुपी का खेल नहीं खेल सकता है अगर वह भारत देश में काम करना चाहता है तो उसे भारतीय नियम कानूनों का पालन जरूर से करना चाहिए, ट्विटर को अपने काम करने के तौर-तरीकों में बदलाव लाना होगा।
बता दें यह पहला मामला नहीं है जब किसी राज्य के हाई कोर्ट ने ट्विटर पर उसके नियमों को लेकर उससे जवाब तलब किया हो। कल ही दिल्ली हाईकोर्ट में एक महिला द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर से दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है। इस मामले में महिला ने आरोप लगाया कि ट्विटर ने बगैर किसी पूर्व चेतावनी के उसका अकाउंट बंद कर दिया। इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस बी कमलेश्वर राव ने ट्विटर कंपनी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है।