Bengal Politics: सत्ता सुख चाहने वाले भाजपा छोड़ दें, दिलीप घोष का इशारों में कई नेताओं पर हमला
Bengal Politics: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने टीएमसी में वापसी की कोशिश करने वाले नेताओं पर इशारों में बड़ा हमला बोला है।
Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा के कई नेताओं की टीएमसी (TMC vs BJP) में वापसी को लेकर सियासत गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुकुल रॉय की टीएमसी में वापसी कराकर भाजपा को भारी झटका दिया है। अब पूर्व कैबिनेट मंत्री राजीव बनर्जी समेत कई और नेताओं की भी टीएमसी में वापसी को लेकर अटकलों का बाजार गरम है।
इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने टीएमसी में वापसी की कोशिश करने वाले नेताओं पर इशारों में बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो लोग सत्ता का आनंद लेना चाहते हैं, वे भाजपा में रहकर संघर्ष नहीं कर सकते। हम ऐसे लोगों को पार्टी में नहीं रखेंगे। माना जा रहा है कि घोष के निशाने पर भाजपा के ऐसे नेता हैं जिन्होंने टीएमसी में वापसी के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संपर्क साध रखा है।
बंगाल में इन दिनों घर वापसी का दौर
दरअसल, पश्चिम बंगाल की सियासत में इन दिनों घर वापसी का दौर चल रहा है। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी के कई नेताओं ने पार्टी को झटका देते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा ने ऐसे कई नेताओं को टिकट देकर चुनाव मैदान में भी उतारा था।
कई नेता चुनाव जीतने में कामयाब रहे तो कई को टीएमसी के उम्मीदवारों से हार भी झेलनी पड़ी। चुनाव में टीएमसी की भारी जीत के बाद कई नेता भाजपा में रहकर पांच साल लंबा बनवास नहीं झेलना चाहते। ऐसे नेताओं ने टीएमसी में वापसी के लिए कोशिश तेज कर दी है।
बनर्जी ने फिर साधा टीएमसी नेता से संपर्क
मुकुल रॉय के बाद ऐसे नेताओं में सबसे बड़ा नाम पूर्व कैबिनेट मंत्री राजीव बनर्जी का है। राजीव बनर्जी ने शुक्रवार को टीएमसी नेता कुणाल घोष के घर जाकर उनसे बातचीत की थी। शनिवार को भी उन्होंने टीएमसी नेता पार्था चटर्जी के घर जाकर बातचीत की है।
सियासी जानकारों का कहना है कि राजीव बनर्जी के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ग्रीन सिग्नल का इंतजार किया जा रहा है। उनकी ओर से मंजूरी मिलने के बाद बनर्जी की टीएमसी में वापसी सुनिश्चित हो जाएगी। राजीव बनर्जी के अलावा पूर्व विधायक सोनाली गुहा और दीपेंदु विश्वास सहित कई अन्य नेताओं ने भी पार्टी में वापसी के लिए ममता बनर्जी से गुहार लगाई है।
घोष बोले-भाजपा में करना होगा संघर्ष
दूसरी ओर दलबदल की सियासी अटकलों के कारण भाजपा की काफी किरकिरी हो रही है। इस मुद्दे को लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जो लोग बिना त्याग किए सत्ता का सुख भोगना चाहते हैं, उनके लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है। ऐसे लोगों को पार्टी से जाने के लिए कहा जाएगा।
घोष ने शुक्रवार को मुकुल रॉय के इस्तीफे के बाद भी टिप्पणी की थी कि कुछ लोगों को पार्टियां बदलने की आदत होती है और मुकुल रॉय के जाने से पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। घोष ने बांग्ला भाषा में किए गए अपने ट्वीट में कहा कि अगर किसी को भाजपा में रहना है तो उसे संघर्ष और बलिदान देना होगा। हम ऐसे लोगों को पार्टी में नहीं रखेंगे जो सिर्फ सत्ता का आनंद लेने के इच्छुक हैं।
हाजरा ने भी साधा बनर्जी पर निशाना
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व सांसद अनुपम हाजरा ने भी दलबदल के इच्छुक नेताओं पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पार्टी के कई कार्यकर्ता टीएमसी की ओर से किए जा रहे हमलों का सामना कर रहे हैं। ऐसे समय में जो लोग पार्टी के साथ खड़े होने को तैयार नहीं हैं तो ऐसे लोगों को पार्टी छोड़ देनी चाहिए।
हाजरा ने राजीव बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद ही उनके जैसे नेताओं ने ममता बनर्जी की प्रशंसा शुरू कर दी है। पार्टी को ऐसे नेताओं की कोई जरूरत नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने बिल्कुल सही बात कही है। जो लोग ममता बनर्जी के सामने पार्टी में वापस लेने की गुहार लगा रहे हैं, उन्हें तुरंत भाजपा छोड़ देना चाहिए। ऐसे लोगों की पार्टी को कोई जरूरत भी नहीं है।
ममता की मंजूरी पर ही होगी घर वापसी
दूसरी और टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष का कहना है कि टीएमसी छोड़ने वाले कई नेताओं ने पार्टी में वापस लेने की गुहार लगाई है मगर इन मामलों में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही लेंगी। उनके फैसले के बाद ही ऐसे नेताओं की पार्टी में वापसी संभव है।
तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य नेता सौगत रॉय ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पर हमला करते हुए कहा कि यदि उनमें थोड़ा भी आत्मसम्मान और जवाबदेही होती तो भाजपा की चुनावों में बुरी हार के बाद वे अध्यक्ष पद छोड़ देते।