बंगाल में सभी BJP विधायकों की सुरक्षा केंद्रीय बलों के हवाले, ममता से तनातनी और बढ़ने के आसार

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Monika
Update:2021-05-11 09:11 IST

एक्स कैटेगरी की सुरक्षा में तैनात सैनिक (फोटो: सोशल मीडिया) 

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में राजनीतिक हिंसा (Political violence) की बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने भाजपा के सभी 77 विधायकों की सुरक्षा केंद्रीय बलों (central forces) के हवाले कर दी है। राज्य में विधानसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा के 61 विधायकों को सीआईएसएफ की एक्स कैटेगरी की सुरक्षा (CISF's X Category Security) प्रदान की गई है।

जानकारों का कहना है कि भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने विधायकों की सुरक्षा का यह बड़ा फैसला किया है। माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय की ओर से उठाए गए इस कदम के बाद भाजपा और ममता सरकार में तनातनी और बढ़ेगी।

राज्य में हिंसा की घटनाओं को लेकर भाजपा ममता सरकार के बीच पहले से ही आरोप-प्रत्यारोप के दौर चल रहे हैं। राज्य में हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने हाल में चार अफसरों की टीम भी भेजी थी। टीम ने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा और पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद राज्यपाल से भी भेंट की थी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जयदीप धनखड़ ने भी हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा है कि राज्य में संविधान पूरी तरह खत्म हो गया है।

61 विधायकों को एक्स श्रेणी की सुरक्षा

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि भाजपा के 61 विधायकों को एक्स श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी। नंदीग्राम के संग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराने वाले और विपक्ष के नेता चुने गए शुभेंदु अधिकारी को पहले से ही जेड श्रेणी की सुरक्षा हासिल है। चार अन्य भाजपा नेताओं को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। कुछ अन्य भाजपा नेताओं को भी चुनाव के दौरान ही सुरक्षा प्रदान की गई थी।

टीम से मिले इनपुट पर लिया फैसला

सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय की ओर से अब उन 61 विधायकों को सुरक्षा की मंजूरी प्रदान की गई है जिन्हें अभी तक कोई सुरक्षा नहीं हासिल थी। जानकारों का कहना है कि गृह मंत्रालय की ओर से भेजी गई चार सदस्यीय टीम से मिले इनपुट के आधार पर यह बड़ा कदम उठाया गया है।

एक्स श्रेणी की सुरक्षा के तहत तीन से पांच हथियारबंद कमांडो हमेशा प्रत्येक विधायकों की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। भाजपा विधायक के राज्य में जहां भी जाएंगे तो सुरक्षाकर्मी भी उनके साथ तैनात रहेंगे। जिन विधायकों को वाई कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गई है उनकी सुरक्षा में 10-12 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।

भाजपा ने लगाया टीएमसी पर आरोप

पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद भाजपा की ओर से पार्टी के 14 कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगाया गया है। पार्टी का आरोप है कि इन सभी की हत्या में टीएमसी के गुंडों का हाथ है।

पार्टी का यह भी कहना है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी के कारण सैकड़ों लोग पलायन पर मजबूर हो गए हैं क्योंकि उनके ठिकानों और परिवार के सदस्यों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं।

भाजपा ने की थी विधायकों की सुरक्षा की मांग

भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि राज्य में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के कारण हमने अपने 77 विधायकों की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय से अपील की थी। उन्होंने कहा कि टीएमसी की गुंडागर्दी के कारण हमारे विधायक अपने क्षेत्र सहित कहीं भी यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को सुरक्षा की सख्त जरूरत है क्योंकि पश्चिम बंगाल में उनकी सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

तनातनी और बढ़ने के आसार

जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से विधायकों की सुरक्षा में केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद केंद्र और ममता बनर्जी के बीच तनातनी और बढ़ने के आसार दिख रहे हैं। ममता बनर्जी पहले ही इस बात का दावा कर चुकी हैं कि राज्य में हिंसा की घटनाओं पर काबू पा लिया गया है। सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के शपथग्रहण के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में अब हिंसा की घटनाएं नहीं हो रही हैं और सबकुछ दुरुस्त चल रहा है।

जानकारों के मुताबिक भाजपा विधायकों की सुरक्षा में केंद्रीय बलों की तैनाती का यही मतलब है कि केंद्र सरकार को राज्य की पुलिस मशीनरी पर कोई भरोसा नहीं रह गया है। इसी कारण ममता सरकार और केंद्र के बीच संबंध और तनावपूर्ण होने की आशंका जताई जा रही है।

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