नंदीग्राम में खुद के खेल में फंसी ममता, गलत आरोपों पर होगी कार्रवाई
नंदीग्राम में १ अप्रैल को दूसरे चरण की वोटिंग के बीच कुछ हिंसा होने की खबरें सामने आई थी।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम में १ अप्रैल को दूसरे चरण की वोटिंग के बीच कुछ हिंसा होने की खबरें सामने आई थी। ऐसे में इस सीट से मैदान में उतरी ममता बनर्जी ने ये गंभीर आरोप लगाया था कि वहां सुरक्षाबल मतदान के दौरान बीजेपी(BJP) की मदद कर रहे थे। जो इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) तक गई थीं। ऐसे में चुनाव आयोग तक पहुंचे इस मुद्दे को लेकर सभी आरोपों की पूरी जांच कर ली गई है। चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को गलत करार दिया है। साथ ही कहा जा रहा है कि अब चुनाव आयोग इस मामले को लेकर ममता बनर्जी के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी कर सकता है।
मतदाताओं को भ्रमित करने का प्रयास
ऐसे में चुनाव आयोग का कहना है कि ये दुखद है कि ममता बनर्जी की ओर से मीडिया में इन आरोपों को लेकर अवधारणा बनाई गई। मुख्यमंत्री की ओर से मतदाताओं को भ्रमित करने का प्रयास किया गया। यह जानबूझकर किया गया कार्य है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे साबित हो कि वहां तैनात सुरक्षाबलों ने मतदाताओं को मतदान करने से रोका या उनका व्यवहार असामान्य था।
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि पर्यवेक्षकों ने बूथ का दौरा किया था। जिसके चलते उन्होंने पाया कि वहां मतदान की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही थी। चुनाव आयोग ने उस दौरान शिकायतकर्ता को भी बुलाया था लेकिन उसने आने से मना कर दिया था।
जो भी आरोप लगाए गए हैं वे गलत
सामने आई जानकारी में चुनाव आयोग के मुताबिक, पर्यवेक्षकों ने अपनी जांच रिपोर्ट में बंदूक, गुंडे या बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाओं का जिक्र नहीं किया है। इस पर आयोग का कहना है कि जो भी आरोप लगाए गए हैं वे गलत हैं। अब चुनाव आयोग जरूरी कार्रवाई को लेकर विचार कर रहा है। वहीं नंदीग्राम में एक मतदान केंद्र के बाहर ममता बनर्जी ने कहा था, 'सीआरपीएफ, बीएसएफ केवल भाजपा की मदद कर रहे हैं।'