पश्चिम बंगाल में फिर बढ़ा टकराव,ममता के घर प्रदर्शन के मामले में कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं पर मुकदमा
West Bengal: दिलीप घोष के बाद प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए सुकांत मजूमदार ने कहा कि जनता के बीच ममता सरकार का चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो चुका है।
West Bengal: पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में आगामी 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच टकराव बढ़ गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कोलकाता स्थित आवास पर भाजपा नेता धुरजाती साहा का शव रखकर प्रदर्शन करने के मामले में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन नेताओं में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और भवानीपुर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली प्रियंका टिबरेवाल भी शामिल हैं।
चुनावी हिंसा के दौरान भाजपा नेता धुरजाती साहा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बुधवार को उनका अस्पताल में निधन हो गया था। साहा के शव के साथ भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस और भाजपा नेताओं में हाथापाई और टकराव भी हुआ था। अब इस मामले में सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। विधानसभा उपचुनाव से पहले हुई इस कार्रवाई से राज्य का सियासी माहौल एक बार फिर गरमा गया है।
पुलिस पर हाथापाई करने का भाजपा का आरोप
भाजपा ने इस मामले को लेकर ममता सरकार पर बड़ा हमला बोला है। दिलीप घोष के बाद प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए सुकांत मजूमदार ने कहा कि जनता के बीच ममता सरकार का चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो चुका है। उन्होंने कहा कि कोलकाता के कालीघाट क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा था। पुलिस ने जानबूझकर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हाथापाई की । अब इस मामले में पार्टी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। पुलिस से हाथापाई करने के मामले में कालीघाट पुलिस स्टेशन में मजूमदार के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह, ज्योतिर्मय सिंह महतो और ममता के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी टिबरेवाल समेत कई नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मजूमदार ने आरोप लगाया है कि ममता सरकार मनमानी पर उतारू है। राज्य के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार भी छीने जा रहे हैं।
पुलिस ने भाजपा नेताओं को बताया जिम्मेदार
दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों ने इस पूरे मामले में भाजपा नेताओं को ही जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भाजपा नेता धुलजाती साहा का शव लेकर अंतिम संस्कार करने के लिए पार्टी कार्यालय से श्मशान घाट की ओर जा रहे थे। बीच में वे शव लदा वाहन हरीश चटर्जी स्ट्रीट के एक हिस्से में घुमाने लगे। इस पर पुलिसकर्मियों ने हस्तक्षेप करते हुए वाहन को आगे बढ़ाने के लिए कहा। पुलिस के हस्तक्षेप से नाराज होकर भाजपा कार्यकर्ता कालीमठ में मुख्यमंत्री आवास के सामने धरने पर बैठ गए । उन्होंने सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप कर दिया। पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर ही हाथापाई करने का भी आरोप लगाया है।
साहा की मौत की जांच करने की मांग
पुलिस का कहना है कि भाजपा नेताओं के खिलाफ सरकारी काम में खलल डालने और शव रखकर आवागमन रोकने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि घटनास्थल पर जो भाजपा नेता मौजूद थे, उन्हीं को इस मामले में नामजद किया गया है। इस मामले को लेकर पुलिस और भाजपा नेता एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। भाजपा नेताओं ने साहा की मौत की जांच करने और हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस इस मामले में कार्रवाई करने की जगह भाजपा नेताओं को ही मुकदमे में फंसाने में जुटी हुई है। इस मामले को लेकर राज्य का सियासी माहौल एक बार फिर गरमा गया है। भाजपा और टीएमसी में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं।