पार्टी में जूतम-पैजार: कांग्रेस पार्टी की बैठक में चले लात-घूंसे, ये है पूर मामला

बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजधानी पटना में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक के दौरान सिद्धार्थ के समर्थकों की तरफ से विजय शंकर दुबे को चोर कह कर बुलाया गया जिससे जमकर बवाल मचाया गया और हाथापाई हुई।

Update: 2020-11-13 12:01 GMT
पार्टी में जूतम-पैजार: कांग्रेस पार्टी की बैठक में चले लात-घूंसे, ये है पूर मामला

बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं। एनडीए ने जीत का परचम लहराया है। इस बीच इस चुनाव में जिन दलों की हार हुई है। पार्टियां अपनी हार की समीक्षा कर रही हैं। बिहार राज्य में नई सरकार बनाने की कवायद चल रही है। लेकिन इस बीच बिहार कांग्रेस में नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में शुक्रवार को जमकर बवाल मचा और हाथापाई भी हुई। बैठक के बीच हंगामा उस समय हो गया जब विधायक विजय शंकर दुबे को चोर कह दिया गया।

कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों के बीच हाथापाई

बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजधानी पटना में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में आज शुक्रवार को कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। लेकिन बैठत के दौरान दो पक्षों के बीच जमकर बवाल मच गया और गाली-गलौज के साथ-साथ हाथापाई भी हुई। दरअसल, विधायक दल की बैठक में महाराजगंज से कांग्रेस विधायक विजय शंकर दुबे और विक्रम से विधायक सिद्धार्थ के बीच में कांग्रेस विधायक दल के नेता बनने को लेकर झगड़ा हो गया।

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समर्थकों ने विजय शंकर दुबे को चोर कहा

बताया जा रहा है बैठक के दौरान सिद्धार्थ के समर्थकों की तरफ से विजय शंकर दुबे को चोर कह कर बुलाया गया जिससे नाराज होकर दोनों पक्षों की तरफ से जमकर बवाल मचाया गया और हाथापाई हुई। जिस समय कांग्रेस विधायक दल की बैठक चल रही थी, उस वक्त छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडे भी बैठक में मौजूद थे।

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बिहार में कांग्रेस मिली केवल 19 सीटें

बिहार में कांग्रेस को इस बार चुनाव में ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है। महागठबंधन के तहत कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन महज 19 सीटें ही जीत सकी जबकि पिछले चुनाव में 2015 में 27 सीटें जीती थी। जबकि वामपंथी दलों ने 29 सीटों पर लड़कर 16 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस तरह से लेफ्ट का स्ट्राइक रेट कांग्रेस से काफी बेहतर रहा।

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