बिहार चुनाव: NDA में उलझा सीटों का बंटवारा, इस वजह से टला फैसला

एनडीए में लोजपा को लेकर पैदा हुए विवाद के साथ ही भाजपा और जदयू के बीच भी कई सीटों को लेकर मामला उलझा हुआ है। विपक्षी महागठबंधन ने अपने तालमेल को अंतिम रूप दे दिया है मगर एनडीए में अभी भी माथापच्ची कर दौर चल रहा है।

Update: 2020-10-04 05:28 GMT
बिहार चुनाव: NDA में उलझा सीटों का बंटवारा, इस वजह से टला फैसला (social media)

नई दिल्ली: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की बगावत के बीच महागठबंधन में तो सीटों का बंटवारा हो गया मगर एनडीए में अभी तक सीट बंटवारे को लेकर गुत्थी उलझी हुई है। रविवार को लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक टलने से अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर फंसा पेच नहीं सुलझ सका है।

लोजपा सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तबीयत ठीक न होने के कारण बैठक टाली गई है। दूसरी ओर भाजपा और जदयू के बीच भी करीब दो दर्जन सीटों पर दोनों दलों के दावे के कारण पेच फंसा हुआ है और इन सीटों को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है।

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भाजपा और जदयू में भी मामला उलझा

एनडीए में लोजपा को लेकर पैदा हुए विवाद के साथ ही भाजपा और जदयू के बीच भी कई सीटों को लेकर मामला उलझा हुआ है। विपक्षी महागठबंधन ने अपने तालमेल को अंतिम रूप दे दिया है मगर एनडीए में अभी भी माथापच्ची कर दौर चल रहा है।

पटना में दो दिनों तक मंथन करने के बाद भाजपा के संगठन प्रभारी भूपेंद्र यादव व चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस दिल्ली लौट आए हैं और उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

दो दर्जन सीटों पर फंसा पेच

जानकार सूत्रों के मुताबिक भाजपा और जदयू के बीच करीब दो दर्जन सीटों को लेकर पेच फंसा हुआ है। इन सीटों पर दोनों दलों की ओर से दावेदारी की जा रही है। दोनों दल बेहतर सामाजिक समीकरणों के हिसाब से सीटें लेना चाहते हैं और इसी कारण इन सीटों को लेकर कोई फैसला नहीं हो पा रहा है। वैसे भाजपा का कहना है कि रविवार तक इन सीटों को लेकर पैदा हुआ विवाद भी सुलझा लिया जाएगा।

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दोनों दल एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी

बिहार जदयू के एक नेता का कहना है कि भाजपा राष्ट्रीय पार्टी है और उसे बिहार के मामले में बड़ा दिल दिखाना चाहिए। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि बिहार में जदयू बड़ा दल है और उसे सीटों के बंटवारे समझदारी दिखानी चाहिए।

भाजपा का यह भी तर्क है कि लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने अपने पांच मौजूदा सांसदों की सीटें चुनाव लड़ने के लिए जदयू को दे दी थीं तो अब विधानसभा चुनाव में भाजपा को भी इसी तरह से सीटें मिलनी चाहिए मगर जदयू की ओर से भाजपा की कुछ सीटों पर दावेदारी की जा रही है।

पासवान की तबीयत बिगड़ने से बैठक टली

उधर लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक टलने के कारण लोजपा को लेकर अभी तक अंतिम फैसला नहीं हो सका है। लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक रविवार को शाम छह बजे होने वाली थी मगर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की तबीयत बिगड़ने के कारण बैठक को टाल दिया गया।

विधानसभा चुनाव से पहले लोजपा की यह आखिरी बैठक है और अभी तक भाजपा और लोजपा के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बन पाई है।

लोजपा को मांग के मुताबिक सीटें नहीं

सूत्रों के मुताबिक लोजपा और भाजपा के बीच आखिरी दौर की बातचीत हो चुकी है और उसे सीटों की संख्या के बारे में बता दिया गया है। लोजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी को भाजपा की ओर से केवल 15 से 20 सीटों का ही ऑफर मिला है जबकि लोजपा की ओर से 42 सीटें मांगी जा रही हैं।

लोजपा मुखिया चिराग पासवान की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से कई दौर की बातचीत हो चुकी है मगर अभी तक सीट बंटवारे का विवाद नहीं सुलझा है।

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जदयू ने गेंद भाजपा के पाले में डाली

जदयू ने इस मामले में बड़ी चालाकी दिखाते हुए गेंद भाजपा के पाले में डाल दी है। जदयू का कहना है कि उसका गठबंधन भाजपा के साथ है और लोजपा को लेकर फैसला भाजपा को ही करना है। ऐसे में अभी तक सीट बंटवारे का विवाद नहीं सुलझ सका है।

चिराग पासवान का तेवर भाजपा के प्रति तो नरम है मगर जदयू को लेकर उन्होंने अभी तक सख्त रवैया अपना रखा है। वैसे लोजपा के राज्य स्तरीय नेता एनडीए गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में हर किसी की नजर लोजपा के फैसले पर टिकी हुई है।

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